देश / चीन को टक्कर देने के लिए भारत ने बनाई योजना, अंडमान में मजबूत...

Live Hindustan : Jul 05, 2020, 04:41 PM
चीन के साथ सीमा तनाव के बीच सरकार का ध्यान अंडमान निकोबार द्वीप समूह में समुद्री सुरक्षा पर भी टिक गया है। खुफिया इनपुट औऱ सहयोगी देशों से चीन की योजनाओं के बारे में मिल रही सूचना के आधार पर इस इलाके में चीन की शक्ति को टक्कर देने के पूरे प्लान पर उच्च स्तरीय चर्चा की गई है।

भारत ने तय किया है कि वह अपनी तैयारियों को हर संवेदनशील बिंदुओं पर अपग्रेड करेगा, जहां चीन अपना प्रभाव बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र में अतिरिक्त युद्धपोत, विमान, ड्रोन, मिसाइल बैटरी आने वाले दिनों में तैनात किए जा सकते हैं। हजारों करोड़ की महत्वाकांक्षी योजना को समयबद्ध तरीक़े से लागू करने पर चर्चा चल रही है। इसके तहत अत्याधुनिक निगरानी व्यवस्था और दुश्मन की किसी हरकत का जवाब देने की रणनीति शामिल है। सूत्रों ने कहा,  सुरक्षा संसाधनों में भारी बढ़ोत्तरी की योजना बनाई गई है।


हर चुनौती का जवाब देने की तैयारी 

सूत्रों ने कहा, चीन के साथ सभी संभावित चुनौतियों पर उच्चस्तरीय मंथन किया गया है। भारत सरकार सभी जल, थल सीमाओं पर पहले से सुरक्षा मजबूत करने की योजना के मद्देनजर इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने पर काम कर रही थी, लेकिन गलवान की घटना के बाद सभी योजनाओं को गति देने पर सहमति बनी है।


जरूरी बदलाव जल्द  

सूत्रों ने कहा कि अंडमान में अगले दस साल की योजना पर काम हो रहा था। इसके लिए 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा की सुरक्षा योजनाओं पर गौर किया गया था। लेकिन जिस तरह से चीन की हरकत बढ़ी है उसे देखते हुए कुछ जरूरी बदलाव जल्द किए जाएंगे। इसके लिए सरकार अपने बजट को भी लचीला रखेगी, जिससे जरूरत के मुताबिक आवंटन किया जा सके। अंडमान और निकोबार कमांड, देश की एकमात्र एक ऐसी कमांड है, जिसके पास आर्मी, नेवी, एयरफोर्स और कोस्ट गार्ड आते हैं। 


चीन हिंद महासागर इलाके में बढ़ा रहा मौजूदगी 

सूत्रों के मुताबिक, हिन्द महासागर क्षेत्र में चीन लगातार अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है। क्षेत्र में चीन ने अपने जंगी जहाज और पनडुब्बी की संख्या कुछ समय से लगातार बढ़ाई है। भारत नई चुनौतियों के मद्देनजर सुरक्षा चाकचौबंद करने और जरूरत पड़ने पर किसी तरह की आक्रामकता का जवाब देने की रणनीति पर काम कर रहा है।

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