देश / चीन से विवाद के बीच भारत ने रूस के साथ किया समझौता, भारत में बनेंगी AK-203 राइफल्स

News18 : Sep 04, 2020, 06:44 AM
मास्को। भारत और चीन (India China Rift) के बीच लद्दाख सीमा (Ladakh Border) पर जारी तनाव के बीच भारत (India) ने रूस (Russia) के साथ एक बड़े समझौते को अंतिम मंजूरी दे दी है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) की मॉस्को (Moscow) की यात्रा के दौरान भारत और रूस ने अत्याधुनिक एके-203 रायफल (AK-203 Rifles) भारत में बनाने के लिये एक बड़े समझौते को अंतिम मंजूरी दे दी है। आधिकारिक रूसी मीडिया ने गुरुवार को यह जानकारी दी। एके-203 रायफल, एके-47 रायफल (AK-47 Rifles) का नवीनतम और सर्वाधिक उन्नत प्रारूप है। यह ‘इंडियन स्मॉल ऑर्म्स सिस्टम’(India Small Arms System) (इनसास) 5।56x45 मिमी रायफल की जगह लेगा।

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक (Sputnik) के मुताबिक भारतीय थल सेना (Indian Army) को लगभग 770,000 एके-203 रायफलों की जरूरत है, जिनमें से एक लाख का आयात किया जाएगा और शेष का विनिर्मिण भारत में किया जाएगा। रूसी समाचार एजेंसी की खबर के मुताबिक इन रायफलों को भारत में संयुक्त उद्यम भारत-रूस रायफल प्राइवेट लिमिटेड (आईआरआरपीएल) के तहत बनाया जाएगा। इसकी स्थापना आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) और कलाशनीकोव (Kalashnikov) कंसर्न तथा रोसोबोरेनेक्सपोर्ट (Rosoboronexport) के बीच हुई है।

उत्तर प्रदेश के कोरवा आयुध फैक्ट्री में होगा उत्पादन

ओएफबी की आईआरआरल में 50.5 प्रतिशत अंशधारिता होगी, जबकि कलाशनीकोव की 42 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। रूस की सरकारी निर्यात एजेंसी रोसोबोरेनेक्सपोर्ट की शेष 7।5 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। खबर के मुताबिक उत्तर प्रदेश में कोरवा आयुध फैक्ट्री में 7।62 गुणा 39 मिमी के इस रूसी हथियार का उत्पादन किया जाएगा, जिसका उदघाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पिछले साल किया था।

खबर के मुताबिक प्रति रायफल करीब 1,100 डॉलर की लागत आने की उम्मीद है, जिसमें प्रौद्योगिकी हस्तांतरण लागत और विनिर्माण इकाई की स्थापना भी शामिल है।

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