देश / क्वालिटी की शिकायतों के बावजूद चीन से वेंटिलेटर और मास्क खरीदेगा भारत- रिपोर्ट

भारत समेत दुनिया भर के तमाम देश इस वक्त चीन से फैले खतरनाक कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं। संक्रमितों और मरने वालों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। इस बीच खबर है कि भारत कोविड-19 से लड़ने के लिए चीन से वेंटिलेटर्स के अलावा मास्क और आई गियर जैसे पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट खरीदेगा। हालांकि, इस लिस्ट में टेस्टिंग किट शामिल नहीं होगी, जिसमें कुछ देशों ने खामी पाई है। सरकार ने एक बयान में ये जानकारी

News18 : Apr 01, 2020, 12:23 PM
नई दिल्ली। भारत समेत दुनिया भर के तमाम देश इस वक्त चीन से फैले खतरनाक कोरोना वायरस (Coronavirus) से जूझ रहे हैं। संक्रमितों और मरने वालों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। इस बीच खबर है कि भारत कोविड-19 से लड़ने के लिए चीन से वेंटिलेटर्स के अलावा मास्क और आई गियर जैसे पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) खरीदेगा। हालांकि, इस लिस्ट में टेस्टिंग किट शामिल नहीं होगी, जिसमें कुछ देशों ने खामी पाई है। सरकार ने एक बयान में ये जानकारी दी।

सरकार खरीदारी के लिए चाइनीज कंपनियों के साथ कमर्शियल डील करेगी। सूत्रों ने बताया कि भारत पड़ोसी देश से टेस्टिंग किट नहीं खरीदेगा। चीन ने स्पेन, चेक रिपब्लिक और तुर्की को टेस्टिंग किट सप्लाई की थीं जिन्हें दोषपूर्ण पाया गया है। वहीं, फिलीपींस ने टेस्टिंग किट के खराब होने की शिकायत की है।

बता दें कि भारत में अभी कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या 1440 है, जबकि मीडिया रिपोर्ट्स में ये आंकड़ा 1600 पार कर गया है। वहीं, कोरोना वायरस से अब तक 38 लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि 130 करोड़ की आबादी वाला आने वाले दिनों में कोरोना की और तबाही देखेगा, क्योंकि हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था कमजोर है। ऐसे में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरस्त करना और इस वायरस से संक्रमण से बचने के उपाय खोजना बहुत जरूरी है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत तत्काल चीन से N-95 मास्क और वेंटिलेटर जैसे महत्वपूर्ण मेडिकल इक्विपमेंट खरीदने पर विचार कर रहा है। चीन से खरीदारी से भारत पर दबाव कम हो सकता है, क्योंकि यह महामारी से लड़ने की तैयारी में जुटा है। बता दें कि एन-95 मास्क और PPE के उत्पादन को बड़े पैमाने पर झटका लगा है क्योंकि इन्हें बनाने के लिए जरूरी कंपोनेंट चीन और दक्षिण कोरिया से आयात किए जाते हैं।

जानकारों के मुताबिक, भारत में 21 दिनों के लॉकडाउन की वजह से वायरस के संक्रमण में कमी आएगी लेकिन इसे रोका नहीं जा सकता। ये भी कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के पूरे आंकड़े भारत के पास नहीं है। क्योंकि बड़ी संख्या में लोगों के संक्रमण की जांच नहीं हुई है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के एक आंकड़े के मुताबिक भारत में रविवार तक 35 हजार लोगों के संक्रमण की जांच हुई थी। भारत की आबादी के लिहाज से ये काफी कम है।