दुनिया / पाकिस्तान ने उकसाया तो पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत देगा मुंहतोड़ जवाब: अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट

Zoom News : Apr 14, 2021, 04:07 PM
नई दिल्ली: अगर पाकिस्तान (Pakistan) किसी भी तरह की भड़काने वाली कोई हरकत करता है, तो उसे भारत (India) की ओर से मुंहतोड़ जवाब मिलना तय है. अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट (US Intelligence Report) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की नेतृत्व क्षमता को सराहते हुए यह बात कही गई है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले की तुलना में भारत अपनी सैन्य ताकत से ज्यादा कड़ा जवाब देने का दम रखती है.

अमेरिका की ‘इंटेलिजेंस कम्यूनिटी’ (खुफिया विभागों का समूह) ने संसद को सौंपी गई अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत, पाकिस्तान द्वारा की गई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उकसावे की कार्रवाई का जवाब पहले के मुकाबले अब और अधिक सैन्य ताकत से दे सकता है. ‘ऑफिस ऑफ द डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस’ (ODNI) ने अमेरिकी कांग्रेस (संसद) को सौंपी अपनी वार्षिक ‘संकट समीक्षा रिपोर्ट’ में कहा है कि हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच पारंपरिक युद्ध होने की संभावना नहीं के बराबर है. फिर भी दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ने की आशंका है. (India more likely to respond Pakistan with military force under Prime minister Narendra Modi for provocations US Intelligence report claims)

आतंकी हमले की आशंका

रिपोर्ट में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत, पाकिस्तान द्वारा की गई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उकसावे की कार्रवाई का जवाब पहले के मुकाबले अब और अधिक सैन्य ताकत से दे सकता है. मगर तनाव बढ़ने से परमाणु अस्त्र संपन्न दोनों देशों के बीच संघर्ष का खतरा बढ़ गया है. साथ ही रिपोर्ट में कश्मीर में अशांति का हिंसक माहौल या भारत में आतंकवादी हमले की आशंका जताई गई है.

दोनों देशों के बीच तनाव चिंता का सबब

ओडीएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान, इराक और सीरिया में चल रहे युद्ध से अमेरिकी सेनाओं पर सीधा प्रभाव पड़ता है. ऐसे में परमाणु अस्त्र संपन्न भारत तथा पाकिस्तान के बीच तनाव विश्व के लिए चिंता का कारण है. अफगानिस्तान पर ओडीएनआई की रिपोर्ट ने कहा कि अगले साल के दौरान शांति समझौते की संभावना कम रहेगी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इजरायल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव, लीबिया में विदेशी ताकतों की गतिविधियां और अन्य क्षेत्रों में उठे विवाद आगे चलकर बढ़ सकते हैं. इस वजह से अफ्रीका, एशिया और मिडिल ईस्ट में अशांति फैल सकती है. अफगानिस्तान को लेकर रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां शांति वार्ता अगले साल तक भी अपने परिणाम तक शायद ही पहुंचेगी.

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