News18 : Jul 25, 2020, 10:42 PM
नई दिल्ली. चीन (China) के साथ सीमा विवाद (Border Dispute) के बीच भारत ने बड़ा कदम उठाया है. केंद्र सरकार (Government) अब अमेरिका (America) से छह और पोसाइडन-8I (P-8I) एयरक्राफ्ट खरीदने की तैयारी की है. लॉन्ग रेंज वाले इस एयरक्राफ्ट को पहले से ही भारतीय नौसेना इस्तेमाल कर रही है. इस समय इसका इस्तेमाल लद्दाख में सर्विलांस मिशन और हिंद महासागर में किया जा रहा है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की ओर से छह और P-8I के लिए 1.8 अरब डॉलर में 'लेटर ऑफ रिक्वेस्ट' जारी कर दिया गया है. सूत्रों के अनुसार, पेंटागन के फॉरेन मिलिट्री सेल्स प्रोग्राम के तहत यह सौदा होगा.बोइंग कंपनी ही P-8I एयरक्राफ्ट्स को बनाती है. भारतीय नौसेना के बेड़े में पहले से ही 8 P-8I एयरक्राफ्ट्स शामिल हैं. जिनके लिए जनवरी 2009 में 2.1 बिलियन डॉलर का सौदा हुआ था. इसके बाद सरकार ने P-8I के लिए जुलाई 2016 में चार और एयरक्राफ्ट्स का सौदा किया था, जिनकी डिलीवरी इसी साल दिसंबर के महीने में होनी है. ऐसा कहा जा रहा है कि हाल फिलहाल के सौदे की डिलीवरी भी अगले साल की शुरूआत में हो सकती है. P-8I एयरक्राफ्ट की रेंज लगभग 2200 किलोमीटर है. यह 789 प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है. यह एयरक्राफ्ट विमान हार्पून ब्लॉक II और हल्के टारपीडो से लैस है. यह एक साथ 129 सोनोबॉय को लेकर जाने में सक्षम है. इस एयरक्राफ्ट से एंटी शिप मिसाइल भी दागी जा सकती है. कोई भी पनडुब्बी इसकी नजर से नहीं बच सकती है.चीन से सीमा विवाद के बीच नेवी का पनडुब्बी रोधी पी-8आई लड़ाकू विमान लद्दाख में तैनातभारतीय नौसेना के पोसाइडन 8-आई पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर निगरानी करने के लिये पूर्वी लद्दाख में तैनात किया गया है. वहीं, चीन के साथ सीमा विवाद के बीच उसके कुछ ‘मिग-29के’ लड़ाकू विमानों को उत्तरी सेक्टर में महत्वपूर्ण ठिकानों पर रखे जाने की भी संभावना है. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि सेना के शीर्ष अधिकारी भारतीय नौसेना के मिग-29के लड़ाकू विमानों को राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिये सेना के तीनों अंगों में समन्वय बनाने की कोशिश के तहत उत्तरी क्षेत्र के कुछ वायुसेना अड्डों पर नौत करने पर विचार कर रहे हैं.उन्होंने बताया कि नौसेना के लड़ाकू विमान शत्रु के इलाके में अंदर तक जा कर हमले करने की वायुसेना की कोशिशों और हवाई वर्चस्व क्षमताओं में सहायक होंगे. अभी नौसेना के करीब 40 मिग-29के विमानों का एक बेड़ा है और उनमें से कम से कम 18 देश के विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात हैं. वायुसेना ने सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 जैसे अग्रिम मोर्चे के लगभग अपने सभी तरह के लड़ाकू विामनों को पूर्वी लद्दाख में और एलएसी के आसपास अन्य स्थानों पर तैनात किये हैं. चीन के साथ सीमा विवाद बढ़ने के बाद यह कदम उठाया गया हालांकि, पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कई स्थानों से दोनों देशों के अपने सैनिकों को पूर्ण रूप से हटाने के लिये दोनों पक्षों के बीच कूटनीतिक एवं सैन्य बातचीत जारी है.