India-China Rift / बेहद खतरनाक है भारत को चीन से जोड़ने वाला यह रास्ता

News18 : Jun 17, 2020, 08:21 AM
पिथौरागढ़। लद्दाख सीमा (Ladakh Border) पर भारत-चीन विवाद (India-China Rift) में सेना के 20 जवान शहीद हो गए हैं। इसमें से 17 जवान पहले घायल हुए थे, जिनकी बाद में मौत हो गई। बता दें कि लद्दाख ही नहीं देश के दूसरे हिस्सों में भी चीन की सीमा (China Border) पर तैनात जवानों को परिस्थितियों और व्यवस्थाओं की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उत्तराखंड में भी चीन की सीमा को जोड़ने वाले इलाकों का यही हाल है। यहां जौहार घाटी में जवानों को सीमा तक पहुंचने के लिए काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।

भारत ने भले ही उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में ब्यास घाटी से चीन की दहलीज तक लिपुलेख सड़क काट ली हो, लेकिन इसी जिले में जौहार घाटी में आज भी चीन सीमा पर निगरानी करने वाले जवानों को खतरनाक रास्ते से पहुंचना पड़ता है। चीन सीमा के करीब लास्पा में मोटर पुल नहीं होने से लकड़ी के कच्चे पुल से हो कर जवानों को गुजरना पड़ता है। इस खतरनाक पुल से गुजरना मौत को मात देने से कम नहीं है। इसी लकड़ी के पुल की मदद से सेना और आईटीबीपी के जवान चीन सीमा तक जाते हैं।

ग्रामीणों को भी परेशानी

जौहार घाटी के 9 गांव के ग्रामीण भी इसी लकड़ी के कच्चे पुल के ज़रिए अपने गांवों तक पहुंचते हैं। ये सभी गर्मियों के सीजन में ही चीन सीमा से सटे गांवों में जाते हैं, जबकि सर्दियों के सीजन में ये निचले इलाकों में आ जाते हैं, लेकिन बॉर्डर की सुरक्षा पर तैनात सेना और आईटीबीपी के जवान यहां साल भर तैनात रहते हैं। इस इलाके में बीआरओ 2008 से सड़क काटने का काम कर रहा है। बीआरओ मुनस्यारी तहसील मुख्यालय से भारत के अंतिम गांव मिलम तक सड़क बना रहा है।

सड़क निर्माण जारी

उच्च हिमालयी इलाके में 64 किलोमीटर की इस सड़क में मुनस्यारी से लिलम तक 18 किलोमीटर की सड़क कट चुकी है। जबकि मिलम से लास्पा तक 26 किलोमीटर की सड़क काटने का काम जारी है, लेकिन 22 किलोमीटर की हार्ड रॉक में अभी कोई काम नहीं हुआ है। बीआरओ ने इस सड़क को काटने का लक्ष्य 2023 तक तय किया है। ऐसे में तय है कि लंबे समय तक चीन सीमा पर पहुंचना आसान नहीं होगा।

जल्द ही पक्का पु​ल बनाने का दावा

बॉर्डर को जोड़ने वाले इन पुलों के रख रखाव का काम फ़िलहाल लोक निर्माण विभाग के पास है। पीडब्ल्यूडी के प्रवर अभियंता महेश कुमार का दावा है कि जल्द ही लकड़ी का पक्का पुल बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। गर्मी का सीजन होने के कारण इन दिनों इन इलाकों में ग्लेशियर भी गल रहे हैं। जिस कारण नदी का बहाव काफी तेज़ है। ऐसे में सीमा पर हथियार और रसद पहुंचाने के खासी दिक्कतों का सामना सुरक्षा बल कर रहे हैं।

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