देश / भारतीय अर्थव्यवस्था ने मंदी को पीछे छोड़ा, 0.4% की विकास दर के साथ पॉजिटिव ग्रोथ में लौटी

Zoom News : Feb 26, 2021, 08:56 PM
नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) मंदी के दौर से उबर आई है. उसने वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में 0.4 फीसदी की विकास दर (GDP Growth Rate) हासिल की है औऱ इसके साथ ही पॉजिटिव आर्थिक विकास दर की पटरी पर लौट आई है. वित्त वर्ष 2020-21 की पहली दो तिमाहियों में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट नकारात्मक रही थी. कोरोना काल में लॉकडाउन के प्रभाव से पहली तिमाही में विकास दर 23.9 फीसदी रही थी, जबकि दूसरी तिमाही में यह -7.5 फीसदी दर्ज की गई थी. 

हालांकि अनुमान लगाया गया था कि वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में विकास दर 0.5 फीसदी रह सकती है. लेकिन राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकडडों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 0.4 फीसदी रही. भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिसने 2020 के आखिरी में पॉजिटिव ग्रोथ रेट दोबारा हासिल कर ली है. लेकिन देश के कुछ हिस्सों में दोबारा कोरोना के मामलों के बढ़ने से चिंता बनी हुई है. 

एनएसओ के मुताबिक, कोरोना काल की पाबंदियों के प्रभाव के चलते GDP वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून पहली तिमाही में -23.9 फीसदी रही थी, जबकि दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में यह थोड़ी सुधरकर -7.5 फीसदी रही थी. इस तरह भारत तकनीकी तौर पर मंदी की चपेट में आ गया था.

रॉयटर्स के 58 अर्थशास्त्रियों के अनुमान में अगले साल विकास दर 10.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि मौजूदा और अगले वित्त वर्ष में सरकारी खर्च, ग्राहकों की मांग और खपत बढ़ने के साथ आर्थिक गतिविधियां और तेज हो जाएंगे, जिसका असर जीडीपी विकास दर पर भी पड़ेगा.

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER