मुंबई / भारत की पहली अस्पताल ट्रेन पहुंची मुंबई, अब तक बचा चुकी है 12 लाख लोगों की जान

AMAR UJALA : Aug 30, 2019, 02:56 PM
भारत की पहली अस्पताल ट्रेन लाइफलाइन एक्सप्रेस गुरुवार को मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर पहुंची। लाइफलाइन एक्सप्रेस अब तक भारत के दूरदराज के इलाकों में लगभग 12 लाख रोगियों को चिकित्सा सुविधा प्रदान कर चुकी है। इस ट्रेन की शुरूआत साल 1991 में हुई थी। ट्रेन का लाइफलाइन एक्सप्रेस इस लिए रखा गया क्योंकि यह चलता फिरता अस्पताल है। 

लाइफलाइन एक्सप्रेस अब तक देश के 19 राज्यों  की यात्रा की है और 138 जिलों में 201 ग्रामीण स्थानों का दौरा किया है। इस दौरे में उसने 12 लाख मरीजों को चिकित्सा सुविधा प्रदान की। इन मरीजों में सर्जरी के 1.46 लाख मरीज भी शामिल है। 

लाइफलाइन को कार्य में लाने के लिए पहले देश के ग्रामीण इलाकों और पिछड़े क्षेत्रों में मरीजों का एक खाका बनाया जाता है। फिर इस ट्रेन में इलाज के लिए एक तारीख दी जाती है। इसके बाद तय समय पर मरीजों का इलाज किया जाता है। इस ट्रेन में मरीजों की जांच से लेकर सर्जरी तक की जाती है। 

इस कार्य में बड़ी-बड़ी कंपनियां सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिब्लिटी) के तहत अपना योगदान देती हैं, इसके लिए मरीजों से कोई शुल्क नहीं वसूला जाता। इस ट्रेन ने भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है और प्रेरणा दी है। विकलांग वयस्कों और बच्चों के लिए मौके पर ही उपचार प्रदान करने के लिए लाइफलाइन एक्सप्रेस शुरू की गई थी। 

लाइफलाइन एक्सप्रेस की शुरुआत के लिए भारतीय रेलवे के पुराने पड़े डिब्बों को ठीक कराया गया और उन्हें अस्पताल में बदला गया। जानकारी के मुताबिक पिछले 28 सालों में केवल एक ही ट्रेन बनकर तैयार हुई, जबकि अब तक हर जोन में एक ट्रेन होनी चाहिए थी। 

ट्रेन के एक प्रोजेक्ट पर एक से 1.5 करोड़ रुपये खर्च हो जाते हैं, इसमें अगर सरकार चाहें तो मदद कर सकती है। शुरू में इस ट्रेन में आदिवासी इलाकों में लोगों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जाता था। लेकिन, अब प्लास्टिक सर्जरी, ईएनटी और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज किया जाता है। 

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER