AMAR UJALA : Sep 06, 2019, 01:48 PM
केंद्र सरकार ने वायुसेना को और ताकतवर बनाने के लिए 5000 करोड़ रुपये की आकाश मिसाइल परियोजना को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सुरक्षा संबंधी कैबिनेट कमेटी ने हाल ही में इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी थी। रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को सरकार के इस फैसले से वायु सेना को अवगत करा दिया।दुश्मन के लड़ाकू विमान को मार गिराने के लिए वायुसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए सरकार ने छह स्क्वाड्रन स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीद की मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने बताया कि आकाश मिसाइल को खरीदने के तीन साल पुराने इस प्रस्ताव को अब जाकर मंजूरी मिली है और इससे वायुसेना में अब आकाश मिसाइल की संख्या बढ़कर 15 हो जाएगी।युद्ध अभ्यास में सर्वश्रेष्ठ था आकाश का प्रदर्शनशुरू में वायुसेना ने दो स्क्वाड्रन की मांग की थी, लेकिन इसकी दक्षता को देखते हुए इसकी संख्या बढ़ा दी गई। पिछले साल सूर्या लंका युद्धाभ्यास के दौरान इजरायली मिसाइल व अन्य मिसाइलों के साथ वायुसेना ने आकाश मिसाइल को भी आजमाया था, जिनमें आकाश का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा था। रक्षा मंत्रालय ने विदेशी मिसाइलों के मुकाबले आकाश को तरजीह दी। सरकार ने भी आकाश मिसाइल के पक्ष में सेना के 17000 करोड़ रुपये का टेंडर खत्म कर दिया था। इन मिसाइलों को पाकिस्तान और चीन की सीमा के पास तैनात किया जाएगा। बालाकोट ऑपरेशन के बाद प्रस्ताव को मंजूरीदरअसल बालाकोट ऑपरेशन के बाद इसकी जरूरत महसूस की गई थी, उसके बाद वायु सेना ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। सूत्रों ने बताया कि और आकाश मिसाइल होने से अगली बार जब पाकिस्तान ऐसी कोई हिमाकत करेगा, तो उसे वायु सेना के साथ-साथ जमीन से इस घातक मिसाइल सिस्टस से भी जूझना पड़ेगा।