जयपुर / अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस | एक दिन के लिए छात्राओं ने संभाला पिंक सिटी का प्रशासन

Dainik Bhaskar : Oct 12, 2019, 01:42 PM
जयपुर | अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस गुलाबी शहर में खास तरीके से मनाया गया। शहर के विभिन्न स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने वाली पांच छात्राओं को चुनकर उनमें से एक को कलेक्टर और चार को एडीएम बनाकर उन्हें एक दिन के लिए सांकेतिक कार्यभार सौंपा गया। कलेक्टर, एडीएम सहित कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों ने बालिकाओं को पूरा सम्मान देते हुए उनके आदेशों का पालना किया। कलेक्टर बारहवीं कक्षा की छात्रा भारती महावर बनी। उन्होंने स्कूलों में सुझाव पेटी रखवाने का आदेश दिया।

भारती ने कलेक्ट्रेट परिसर में एकल विंडों, कंट्रोल रूम का एडीएम बनी चारों बालिकाओं के साथ दौरा भी किया। अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर प्रदेश में यह पहला अवसर था जब जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव और पहल संस्थान ने मिलकर बालिकाओं को जागरूक बनाने के लिए कलेक्टर व एडीएम बनाकर इस पद की शक्तियों का अहसास करवाया। कलेक्टर और एडीएम ने बालिकाओं को अपने चेम्बर में ले जाकर अपनी-अपनी कुर्सियों पर बैठाकर सांकेतिक कार्यभार दिया। बालिकाओं ने उन्हीं समस्याओं पर अपने विचार रखे जिनका वे रोजना सामना कर रही है।

एक दिन की अफसरों ने ये आदेश किए जारी

स्कूलों में होने वाली अभद्रता और परेशानियों के समाधान के लिए शिकायत बॉक्स लगाए जाएं। बॉक्स को हर 15 दिन में खोलकर देखा जाए और जो शिकायत है उसका निदान किया जाए।

हर स्कूल में बालिका शौचालय हो और उसमें पानी व साबुन की व्यवस्था होनी चाहिए।

शराब की दुकानें रात 8 बजे के बाद भी शराब बेचती है। उनके बंद होने के समय की कड़ाई से पालना हो।

स्कूलों के पास शराब, पान व चाय की दुकानें नहीं होनी चाहिए। यहां असामाजिकतत्व बैठकर महिलाओं लड़कियों को परेशान करते हैं।

पैट्रोलिंग टीम में पुरुषों के बराबर महिलाओं को भी शामिल किया जाना चाहिए ताकि घटना होने पर महिलाएं अपनी बात कह सकें।

बाल विवाह को रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक जागरूकता अभियान चलाया जाए।

छात्राओं ने यह विचार रखे

कलेक्टर बनीं भारती महावर 12th क्लास की छात्रा ने कहा- शराब से घरेलू हिंसा बढ़ रही है। निचले तबके के लोगों में शिक्षा की कमी के चलते अपनी आमदनी का ज्यादातर पैसा शराब में बर्बाद करते है। समाज में बदलाव के लिए इसे रोकना जरूरी है। शराब की दुकानों के आसपास पेट्रोलिंग की व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे असमाजिक तत्वों का जमावड़ा नहीं रहे।  

एडीएम बनीं शादमा, ग्रेजुएशन की छात्रा ने कहा समाज में 10वीं कक्षा से आगे की पढाई करना संभव नहीं हो पा रहा है, इसलिए शिक्षा को बढावा देने के लिए बालिकाओं को आगे पढ़ाना चाहिए।

एडीएम बनीं एलएलबी की छात्रा भारती वर्मा ने कहा कि समाज में जातिपाति, अमीरी-गरीबी का भेद मिटाने के लिए अंतरजातीय विवाहों को बढावा देना चाहिए।

एडीएम बनीं 10 वीं की छात्रा कोमल गुप्ता ने कहा ग्रेजुएशन करते समय की अधिकतर लड़कियों की शादी कर दी जाती है, इसे रोकना चाहिए।

एडीएम बनीं लक्षिता शर्मा, 12 क्लास की छात्रा हैं। उन्होंने कहा कि परिवार वाले लड़कियों को अब अच्छी नौकरी करने करने का आशीर्वाद दें। 

महारथ हासिल कर समाज की सेवा करें

कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बालिकाओं से कहा आपको कलक्टर, एडीएम बनाया गया है, खुलकर अपने विचार रखो। कलेक्टर को कोई निर्देश नहीं दे सकता। उन्होंने कहा कि आज के समय में महिलाएं चेंज-मेकर है। सत्ता हासिल करने तक ही सीमित नहीं रहें। अलग-अलग क्षेत्र में महारथ हासिल कर समाज की सेवा करें। उन्होंने कहा कि परिवारों को अपने घार की बेटियों का शिक्षा के क्षेत्र में उत्साह वर्धन करना चाहिए। शिक्षा से ही समाज को बदला जा सकता है।

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