अमेरिका / बदले की आग में जल रहा ईरान, ट्रंप का सिर कलम करने पर रखा 8 करोड़ डॉलर का इनाम

AajTak : Jan 06, 2020, 11:05 AM
अमेरिका द्वारा ईरान के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद से ईरान और अमेरिका दोनों आमने-सामने हैं। रविवार को डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को धमकी दी तो ईरान की तरफ से भी पलटवार शुरू हो गया और उसके कुछ ही समय बाद ईरान ने बड़ा ऐलान करते हुए ट्रंप पर इनाम घोषित कर दिया।

जनरल सुलेमानी के अंतिम संस्कार के दौरान एक संस्था ने ट्रंप का सिर कलम करने पर 80 मिलियन डॉलर इनाम (करीब 5.76 अरब रुपये) का ऐलान किया है। मशाद में जिस समय सुलेमानी का अंतिम संस्कार किया जा रहा था, ठीक उसी समय संस्था ने यह घोषणा की।

ईरान के सभी नागरिकों से की गई अपील: 

संस्था ने ईरान के सभी नागरिकों से एक डॉलर दान करने की अपील की है कि ट्रंप के सिर के बदले रखे गए 80 मिलियन डॉलर की रकम को इकट्ठा करने के लिए सभी ईरानी नागरिक दान दें, ताकि इस रकम का उपयोग किया जा सके।

सुलेमानी की शव यात्रा में उमड़े लोग: 

जनरल कासिम सुलेमानी का शव रविवार को ईरान की राजधानी तेहरान पहुंचा तो सुलेमानी की शवयात्रा जुलूस निकाला गया, जिसकी शुरुआत अहवाज से हुई।अहवाज में हजारों लोग सुलेमानी के सम्मान में एकत्र हुए और अमेरिका, इजरायल और सऊदी अरब के खिलाफ नारे लगाए।

अबू महदी का भी पार्थिव शरीर लाया गया: 

सुलेमानी के पार्थिव शरीर के अलावा इराक के पॉपुलर मोबिलाइजेशन फ्रंट के दूसरे कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस का शव भी ईरान लाया गया है, ताकि डीएनए जांच की जा सके।  अबू महदी भी अमेरिकी हवाई हमले में सुलेमानी के साथ मारे गए थे। मुहंदिस, इराक के पॉपुलर मोबिलाइजेशन फ्रंट के सेकेंड-इन-कमांड थे।

वहीं ईरानी अधिकारियों ने एक बार फिर 3 जनवरी के हमले को भड़काने के लिए अमेरिका के क्षेत्र के सहयोगियों मुख्य रूप से इजरायल और सऊदी अरब पर आरोप लगाया है, जिसमें सुलेमानी और उनके दामाद व अबू महदी अल मुहंदिस के साथ आठ अन्य लोगों को मार डाला गया।

ट्रंप लगातार दे रहे धमकियां: 

उधर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार ईरान को धमकियां दे रहे हैं। अपने सर पर रखे गए इनाम के बाद भी उन्होंने ट्वीट किया कि ईरान अगर किसी यूएस प्रतिष्ठान और अमेरिकन को चोट पहुंचाता है तो उसे तत्काल और पूरी तरह से खतरनाक अंदाज में जवाब दिया जाएगा।

ट्रंप ने यह भी कहा था कि संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने सिर्फ सैन्य उपकरणों पर दो ट्रिलियन डॉलर खर्च किए हैं। हम दुनिया में सबसे बड़े और सबसे अच्छे हैं! यदि ईरान एक अमेरिकी बेस, या किसी अमेरिकी पर हमला करता है, तो हम अपने नये हथियार और खूबसूरत उपकरणों को बिना किसी हिचकिचाहट के उनके रास्ते पर भेज देंगे।

अपने सिलसिलेवार ट्वीट मेंअमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अगर उन्होंने (ईरान) हम पर हमला किया तो हम उसका करारा जवाब देंगे। यदि वे फिर से हमला करते हैं, तो मैं उन्हें सलाह देता हूं कि वे ऐसा न करें, क्योंकि उसके बाद उन्हें ऐसा जवाब देंगे जो इससे पहले उन्होंने कभी महसूस नहीं किया होगा।

परमाणु समझौते पर ईरान की घोषणा: 

ईरान ने घोषणा की है कि 2015 में हुए परमाणु समझौते की किसी शर्त और बंधन को अब ईरान नहीं मानेगा। इसके बाद माना जा रहा है कि ईरान और अमेरिका में अब तनाव घटने की बजाय और ज्यादा बढ़ जाएगा।

अब तक क्या-क्या हुआ: 

दरअसल, सबसे पहले अमेरिकी हमले में इराक में ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हुई। इसके बाद ईरान भड़क गया। उसने अमेरिका को जवाब देने की चेतावनी दी। इसके बाद शनिवार लगभग आधी रात को बगदाद में अमेरिकी दूतावास और बलाद एयर बेस पर ईरान समर्थक मिलिशिया रॉकेट से ताबड़तोड़ हमले किए गए

दूतावास पर हमले के बाद भड़का अमेरिका:  

अमेरिकी दूतावास पर किए गए इस हमले के बाद अमेरिका बुरी तरह चिढ़ गया और खुलकर मैदान में आ गया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यूएस आर्मी ने ईरान के 52 ठिकानों की पहचान कर ली है और अगर ईरान किसी भी अमेरिकी संपत्ति या नागरिक पर हमला करता है तो इन पर बहुत तेजी से और बहुत विध्वंसक हमला करेगा।

52 ईरानी ठिकानों की पहचान: 

ट्रंप ने कहा कि हमने 52 ईरानी ठिकानों की पहचान की है। इनमें से कई ठिकाने बेहद अहम हैं। इन ठिकानों और ईरान को भी बहुत तेजी से और बेहद सख्ती के साथ निशाना बनाया जाएगा, अमेरिका अब किसी तरह की धमकी नहीं चाहता है

सुलेमानी की मौत के दौरान फ्लोरिडा में छुट्टियां गुजार रहे ट्रंप ने वहीं से ईरान को धमकी देना शुरू कर दिया। ट्रंप ने कहा कि ईरान अमेरिकी ठिकानों पर बदले के तौर पर हमले की बात कर रहा है। ट्रंप ने कहा कि कासिम सुलेमानी को मारकर अमेरिका ने दुनिया को 'आतंकी नेता' से मुक्ति दिलाई जो कि अमेरिकी समेत कई लोगों को मार चुका था। इसमें कई ईरानी भी शामिल थे।

अब आगे क्या हो सकता है?  

ट्रंप की धमकी के बाद भी ईरान सक्रीय हो गया। ऐसा माना जा रहा है कि मध्य-पूर्व क्षेत्र में ईरान द्वारा समर्थित प्रॉक्सी फोर्सेज तबाही मचा सकती है। जहां यमन में ईरान को हूती विद्रोहियों का समर्थन हासिल है, वहीं लेबनान में हेजबुल्लाह और इराक में शिया मिलिशिया के साथ भी ईरान के मजबूत संबंध है

दुनिया ने की शांति की अपील:  

वहीं जंग के माहौल के बीच यूरोपीय संघ समेत कई देशों ने अमन और शांति बहाली की अपील की है। यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बॉरेल ने शनिवार को तनाव घटाने पर जोर दिया और दोनों देशों से शांति बहाली की अपील की। 

ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ से ब्रसेल्स में मुलाकात के बाद जोसेफ बॉरेल ने ट्वीट किया, ताजा घटनाक्रम पर ईरानी विदेश मंत्री जे। जरीफ से बात की। आगे मामला गंभीर न हो, इसलिए बातचीत में तनाव घटाने पर जोर दिया गया।

चीन के विदेशमंत्री वांग यी ने अमेरिका को सैन्य शक्ति के गलत इस्तेमाल पर नियंत्रण रखने की सलाह दी है। वांग यी ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से फोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि 'सैन्य दुस्साहस' किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं हो सकता।

सीरिया के विदेश मंत्रालय ने वक्तव्य जारी कर इराक और ईरान से संवेदना जताई और अमेरिका की निंदा की। वक्तव्य में कहा गया है कि इराक की अस्थिरता का कारण अमेरिका है। इसके साथ साथ कतर और लेबनान के विदेश मंत्रालय ने भी वक्तव्य जारी कर विभिन्न पक्षों से संयम से काम लेने की अपील की, ताकि मध्य-पूर्व क्षेत्र की स्थिति न बिगड़े।

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