Relationship / यौन संबंध के लिए पार्टनर एक्सेप्ट है या रिजेक्ट? दिमाग का ये हिस्सा लेता है फैसला

Zoom News : Apr 22, 2021, 04:57 PM
Delhi: अभी तक यह माना जाता था कि यौन संबंध बनाने के लिए दिमाग के अलग-अलग हिस्से काम करते हैं। लेकिन अब यह पुरानी थ्योरी हो गई है। वैज्ञानिकों ने स्टडी करके बताया है कि इंसानों और चूहों में दिमाग का एक ही हिस्सा ऐसा होता है जो यौन संबंध बनाने या मना करने के लिए जिम्मेदार होता है। साथ ही इसी की वजह से मादाओं में प्रोजेस्टेरॉन और एस्ट्रोजेन हॉर्मोंस के निकलने की मात्रा तय होती है।

पुर्तगाल के चंपालीमौड सेंटर के प्रिंसिपल इन्वेस्टीगेटर सुसाना लिमा ने कहा कि इंसानों और चूहों में प्रोजेस्टेरॉन (Progesterone) और एस्ट्रोजेन (Estrogen) ही ये बताता है कि यौन संबंध के लिए लोग एक दूसरे को स्वीकार करेंगे या नहीं। वहीं मादा चूहों में यह प्रजनन क्षमता का स्तर बताता है। यह सबकुछ दिमाग के एक ही हिस्से से तय होता है। 

सुसाना लिमा कहती हैं कि यानी कोई महिला या पुरुष एक दूसरे को यौन संबंध के लिए स्वीकार करते हैं या नहीं ये दिमाग के एक ही हिस्से पर निर्भर होता है। मादा चूहा तो छह दिन में अपने सेक्स पार्टनर को छोड़ने या साथ रखने का फैसला ले लेती है। वैज्ञानिक हैरान हैं कि ये दोनों हॉर्मोन कैसे मादा चूहों में ये उग्र फैसला लेने के लिए उकसाता है। 

सुसाना लिमा कहा कि हमारे प्रयोग में यह पता चला कि मादाओं के दिमाग का जो हिस्सा यौन संबंधों की स्वीकार्यता के लिए जिम्मेदार होता है, उसे वेंट्रोमेडियल हाइपोथौलेमस (Ventromedial Hypothalamus - VMH) कहते हैं। इसके अंदर भी कई हिस्से यानी कंपार्टमेंट बने होते हैं। हर कंपार्टमेंट में न्यूरॉन्स होते हैं। जो मादाओं के प्रजनन क्षमता का निर्धारण और यौन स्वीकार्यता को सक्रिय करते हैं।

सुसाना की स्टडी 20 अप्रैल को eNeuro जर्नल में प्रकाशित हुई है। जिसमें यह बताया गया है कि VMH के अंदर किस तरह के कंपार्टमेंट्स होते हैं। ये कैसे मादाओं में यौन स्वीकार्यता या मनाही के लिए तैयार करते हैं। साथ ही उनके यौन व्यवहार को निर्धारित करते हैं। इस स्टडी में यह भी बताया गया है कि VMH अलग-अलग नर या पुरुषों को देखकर रेस्पॉन्स करता है। इसके अनुसार ही मादा या महिला की प्रजनन ग्रंथियां सक्रिय होती हैं।

सुसाना के साथ काम करने वाली पीएचडी शोधार्थी इन्स डियास ने कहा कि मादाओं के प्रजनन चक्र के दौरान VMH के न्यूरॉन्स लगातार बदलते रहते हैं। VMH के मुख्य तौर पर तीन अलग-अलग कंपार्टमेंट होते हैं। इन कंपार्टमेंट्स में न्यूरॉन्स ही प्रोजेस्टेरॉन को स्वीकार करते हैं। न्यूरॉन्स का रवैया हर कंपार्टमेंट में बदल जाता है। वो अलग तरह से काम करते हैं। यहां तक की यौन स्वीकार्यता के फैसले को बदल भी सकते हैं। 

टीम ने स्टडी के दौरान पाया कि अगर फ्रंट कंपार्टमेंट में न्यूरॉन्स तब ज्यादा सक्रिय होते हैं जब मादा चूहा या महिला किसी नर या पुरुष के साथ यौन संबंध बनाने से मना करती है। इस दौरान VMH में काफी ज्यादा सक्रियता और लगातार होने वाले बदलाव दिखते हैं। वहीं, जब यौन संबंध के लिए स्वीकार्यता होती है तो पिछले कंपार्टमेंट में न्यूरॉन्स सक्रिय होते हैं।

सुसाना कहती हैं कि दिमाग का VMH किसी भी मादा या महिला के लिए सामाजिक-यौन व्यवहार को दर्शाता है। यह इस बात को निर्धारित करता है कि महिला या मादा जीव किस पुरुष या नर के साथ संबंध बनाएगी। या उसे यौन संबंध बनाने से मना कर देगी। वहीं, पुरुषों में VMH का फ्रंट कंपार्टमेंट का काम सेल्फ डिफेंस के लिए काम आता है। 

हैरानी की बात ये है कि VMH का फ्रंट कंपार्टमेंट पुरुषों में अलग और महिलाओं में अलग काम करता है। इसी कंपार्टमेंट से खाना खाने, भागने और या खुद को बचाने का काम भी होता है। सुसाना ने बताया कि इस स्टडी से यह नहीं पता चलता कि मादाओं और महिलाओं के यौन व्यवहार का न्यूरल आधार क्या है।

इस स्टडी से एक बात स्पष्ट है कि प्रजनन से जुड़े हॉर्मोन्स का दिमागी सक्रियता से सीधा संबंध है। साथ ही प्रजनन और यौन इच्छाओं को लेकर दिमाग में एक ही हिस्सा है। इस स्टडी से भविष्य में हॉर्मोन्स के अध्ययन को लेकर वैज्ञानिकों को अलग सीख मिलेगी।

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