COVID-19 Update / क्या देश में लॉकडाउन लगाने की जरूरत है? जानें कोविड उप-समिति के प्रमुख ने क्या कहा

Zoom News : Apr 14, 2021, 05:07 PM
नई दिल्ली। देशभर में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामले (Corona Case updates) तेजी से बढ़ रहे हैं। बुधवार को कोरोना संक्रमितों का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1 लाख 84 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। कोरोना के बढ़ते आंकड़ों से एक बार फिर आम जनता के मन में डर बैठ गया है कहीं देश में दोबारा लॉकडाउन न लग जाए।

स्थिति यही रही तो क्या भारत में एक बार फिर संपूर्ण लॉकडाउन लगेगा। इस मुद्दे पर न्यूज18 इंडिया ने एनटीएजीआई की कोविड उप-समिति के प्रमुख डॉ। एनके अरोड़ा से एक्सक्लूसिव बातचीत की।

सवाल-क्या देश में लॉकडाउन लगाने की जरूरत है?

जवाब- पूरे देश मे लॉकडाउन लगाने का कोई मतलब नहीं बनता है। हमें लॉकडाउन उन जिलों और हिस्सों में लगाना होगा जहां वायरस का संक्रमण काफी फैला है। छोटे शहरों और बड़े शहरों में माइक्रो लेवल पर लॉकडाउन करना होगा। पिछले साल के लॉकडाउन से सीख लेते हुए हमें इसे अप्लाई करना होगा, जिससे कि लोगों की दिनचर्या पर कम व्यवधान पड़े। आर्थिक गतिविधियों और सोशल लाइफ पर रुकावट न हो। लॉकडाउन इस तरह करना होगा कि लोगों के बीच में संपर्क कम से कम हो सके।

सवाल-क्या गांवों में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा है?

जवाब- ये बड़ी चिंता की बात है कि इस साल छोटे शहरों में मसलन टायर टू और टायर थ्री सिटीज में भी इस बार प्रभाव देखा जा रहा है। उसके तीन कारण हैं।

1- पिछली बार हेल्थ सिस्टम को बड़े शहरों में दुरुस्त किया गया था। छोटे शहरों में दुरुस्त नहीं किया गया था इसलिए वहां हेल्थ सिस्टम मजबूत करने की जरूरत है। वहां भी केस बढ़ने पर बेड्स, वेंटिलेटर और आईसीयू की जरूरत पड़ेगी।

2- छोटे शहरों में जागरूकता फैलाने की जरूरत है। लोग मास्क नहीं लगाते हैं।

3- अगर ध्यान नहीं दिया जाएगा तो महामारी के गांवों में फैलने का खतरा है। फिर समस्या काफी बढ़ जाएगी। पिछली बार विशेष कदम उठाए गए थे जिसमें गांवों में स्कूलों और पंचायत घरों को क्वारंटाइन सेंटर्स में बदल दिया गया था जो बेहद इनोवेटिव था। हमें तुरंत दोबारा वैसे ही करना होगा जिससे कि कोई शहर से जाता है तो क्वारंटाइन हो सके।

सवाल- वैक्सीन लेने के बाद कोरोना का संक्रमण क्यों?

जवाब-वैक्सीन लेने के बाद कोरोना का इंफेक्शन हो सकता है। इसको ब्रेकथ्रू इंफेक्शन कहते हैं रिइंफेक्शन नहीं है ये। ब्रेकथ्रू का मतलब वैक्सीन लगाने के बाद इंफेक्शन हो जाना। जितनी भी दुनिया में वैक्सीन है ऐसी कोई वैक्सीन नहीं है जो कोरोना का संक्रमण रोक सके। लेकिन वैक्सीन लेने के बाद गंभीर कोरोना की बीमारी जिसमें आईसीयू की जरूरत हो या मृत्यु की आशंका लगभग खत्म हो जाती है

यही कारण है कि 45 साल से ऊपर के लोगों को टीका दिया जा रहा है क्योंकि 88% मृत्यु इसी एज ग्रुप में हैं। ज्यादातर लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है और वेंटिलेटर की जरूरत भी इसी एज ग्रुप में पड़ती है। हेल्थ सिस्टम न चरमराये इसलिए जरूरी है कि 45 साल से ऊपर के लोगों का बहुत तेजी से टीकाकरण होना चाहिए जिससे स्वास्थ्य सेवाएं न चरमराये। युवाओं में हल्का संक्रमण होता है लेकिन वो तेजी से फैलाने का काम करते हैं। युवाओं को मास्क और बुजुर्गों का ध्यान रखना चाहिए।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER