News18 : Jun 03, 2020, 03:49 PM
पुलवामा: (Pulwama) में एक बार फिर धमाके की प्लानिंग करने वाले आतंकी फौजी भाई इलियास अब्दुल रहमान को कई नामों से जाना जाता था। उसकी हाइट करीब साढ़े छह फीट बताई जा रही है, इसीलिए उसे लंबू भी कहते थे। वह मोहम्मद इस्माइल अल्वी (Mohammad Ismail Alvi) के नाम से भी जाना जाता था। अदनान और जब्बार भी उसके नाम थे।
कश्मीर घाटी में बना है जैश का कमांडरकहा जा रहा है कि आतंकी अल्वी को कश्मीर घाटी में जैश का कमांडर बनाया गया था। करी मुफ्ती यासिर के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद अल्वी ने जनवरी में घाटी में जैश कमांडर का जिम्मा संभाला था।पुलवामा के राजपोरा इलाके में 27 मई को कार में 45 किलो इंप्रोवाइस्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) प्लांट करने के मामले में फौजी भाई का हाथ था। सुरक्षाबलों ने इस आंतकी साजिश को समय रहते नाकाम कर दिया था।सुरक्षाबलों से मिले इनपुट के आधार पर रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलवामा में फौजी भाई ने आईईडी से दो और धमाके की साजिश रची थी। टॉप काउंटर टेरर ऑफिशियल के मुताबिक, 'हमें जानकारी मिली थी फौजी भाई (जो इस्माइली नाम से भी जाना जाता था) ने तीन कारों में आईईडी प्लांट किया था। फौजी मूल रूप से पाकिस्तान के मुल्तान का रहने वाला था। इनमें से हमने एक कार को 27 मई को ही ट्रेस कर लिया था, लेकिन दो कार का पता नहीं चल पाया था। संभव: ये बडगाम और कुलगाम में प्लांट किए गए थे।'अधिकारियों के मुताबिक, फौजी भाई पिछले साल हुए पुलवामा अटैक को लेकर फेडरल एजेंसी की वॉन्टेड लिस्ट में है। बता दें कि बीते साल 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आईईडी ब्लास्ट हुआ था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।कब मिला था आईईडी?सुरक्षाबलों को पहले ही पुलवामा में होने वाले ब्लास्ट को लेकर इनपुट मिल चुके थे, जिसके बाद बीते गुरुवार सुबह सुरक्षाबलों ने इस कार को बरामद कर बड़ी कामयाबी हासिल की। इस कार की डिक्की में 45 किलो आईईडी लदा हुआ था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर के आईजी ने कहा था, 'यह ह्यूमन इंटेलीजेंस का एक शानदार ऑपरेशन था। जो पुलिस को मिला, जिसके बाद समय रहते पुलिस ने सेना और सीआरपीएफ के साथ मिलकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया। पुलवामा पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और हम सही दिशा में जा रहे हैं।'
कश्मीर घाटी में बना है जैश का कमांडरकहा जा रहा है कि आतंकी अल्वी को कश्मीर घाटी में जैश का कमांडर बनाया गया था। करी मुफ्ती यासिर के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद अल्वी ने जनवरी में घाटी में जैश कमांडर का जिम्मा संभाला था।पुलवामा के राजपोरा इलाके में 27 मई को कार में 45 किलो इंप्रोवाइस्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) प्लांट करने के मामले में फौजी भाई का हाथ था। सुरक्षाबलों ने इस आंतकी साजिश को समय रहते नाकाम कर दिया था।सुरक्षाबलों से मिले इनपुट के आधार पर रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलवामा में फौजी भाई ने आईईडी से दो और धमाके की साजिश रची थी। टॉप काउंटर टेरर ऑफिशियल के मुताबिक, 'हमें जानकारी मिली थी फौजी भाई (जो इस्माइली नाम से भी जाना जाता था) ने तीन कारों में आईईडी प्लांट किया था। फौजी मूल रूप से पाकिस्तान के मुल्तान का रहने वाला था। इनमें से हमने एक कार को 27 मई को ही ट्रेस कर लिया था, लेकिन दो कार का पता नहीं चल पाया था। संभव: ये बडगाम और कुलगाम में प्लांट किए गए थे।'अधिकारियों के मुताबिक, फौजी भाई पिछले साल हुए पुलवामा अटैक को लेकर फेडरल एजेंसी की वॉन्टेड लिस्ट में है। बता दें कि बीते साल 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आईईडी ब्लास्ट हुआ था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।कब मिला था आईईडी?सुरक्षाबलों को पहले ही पुलवामा में होने वाले ब्लास्ट को लेकर इनपुट मिल चुके थे, जिसके बाद बीते गुरुवार सुबह सुरक्षाबलों ने इस कार को बरामद कर बड़ी कामयाबी हासिल की। इस कार की डिक्की में 45 किलो आईईडी लदा हुआ था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर के आईजी ने कहा था, 'यह ह्यूमन इंटेलीजेंस का एक शानदार ऑपरेशन था। जो पुलिस को मिला, जिसके बाद समय रहते पुलिस ने सेना और सीआरपीएफ के साथ मिलकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया। पुलवामा पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और हम सही दिशा में जा रहे हैं।'