दिल्ली हिंसा / 3 लाख के नुकसान पर केजरीवाल सरकार ने लगाया 750 रुपए का मरहम, ठगा महसूस कर रहे पीड़ित

News18 : Sep 18, 2020, 09:39 AM
नई दिल्ली। दिल्ली में फरवरी महीने में हुई हिंसा के दौरान सैकड़ों लोगों ने एक तरफ जहां अपनों को खोया वहीं इस हिंसा से उनका लाखों का नुकसान भी हो गया। ऐसे में सरकार की तरफ से मुआवजे का ऐलान किया गया, लेकिन मुआवजे की राशि पाकर पीड़ित लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेस्टोरेंट जलने पर हुए 3 लाख के नुकसान पर पीड़ित को महज 750 रुपए मुआवजा मिला है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में उस्मान अली का एक रेस्टोरेंट था। जोकि उत्तरपूर्वी हिंसा की बलि चढ़ गया। उस्मान के उस छोटे से रेस्टोरेंट में न सिर्फ तोड़फोड़ की गयी बल्कि लूटपाट की घटना को भी अंजाम भी दिया गया। ऐसे में उस्मान द्वारा राज्य सरकार से 3 लाख के नुकसान का मुआवजा मांगने पर उन्हें महज 750 रुपए प्राप्त हुए। रिपोर्ट्स की मानें तो यह कोई एक मामला नहीं है बल्कि ऐसे तमाम मामले हैं जिनमें पीड़ित मुआवजे के नाम पर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।


जांच के संबंध में चिंताएं

वहीं विपक्षी दलों के कुछ नेताओं ने गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और फरवरी में हुई हिंसा के दौरान पुलिस की भूमिका के अलावा घटना की जांच के संबंध में अपनी चिंताएं प्रकट की। एक संयुक्त ज्ञापन में नेताओं ने दिल्ली पुलिस द्वारा की जा रही हिंसा की जांच को लेकर अपनी चिंताएं प्रकट की।

हिंसा के पीछे की साजिश के पहलुओं की जांच

दिल्ली पुलिस ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) बनायी है और स्पेशल सेल भी दिल्ली हिंसा के पीछे की साजिश के पहलुओं की जांच कर रही है। दंगों में 53 लोगों की मौत हो गयी थी। ज्ञापन में कहा गया, ‘‘हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस की भूमिका और जिस प्रकार पुलिस सीएए, एनआरसी, एनपीआर विरोधी मुहिम में हिस्सा लेने वाले कार्यकर्ताओं और युवाओं को फर्जी तरीके से फंसाने और उन्हें परेशान करने का प्रयास कर रही है, उसको लेकर गंभीर चिंताए पैदा हुई हैं। ज्ञापन में कहा गया, ‘‘राजनीतिक नेताओं को फंसाने के लिए अब इसी तरह का षड्यंत्र किया जा रहा है।’’ आरोपियों के बयानों के आधार पर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी का संदर्भ दिए जाने को लेकर भी ज्ञापन में पुलिस की आलोचना की गयी है।

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