COVID-19 Update / केजरीवाल सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन, इन दो राज्यों से दिल्ली आने वालों को 14 दिनों का क्वारंटीन जरूरी

Zoom News : May 07, 2021, 06:24 AM
दिल्ली में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला किया। अब आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से दिल्ली आने वाले लोगों को 14 दिनों तक क्वारंटाइन में रहना अनिवार्य होगा। इसके लिए केजरीवाल सरकार ने सरकारी और पेड क्वारंटाइन फैसिलिटी चिन्हित की हैं। हालांकि, जिन्होंने वैक्सीन के दोनों डोज़ लगवा लिए हैं उन्हें दोनों डोज़ के सर्टिफिकेट दिखाने पर या उनके द्वारा पिछले 72 घंटे का RTPCR नेगेटिव रिपोर्ट दिखाने पर 7 दिन का ही होम क्वारंटाइन अनिवार्य होगा। अगर किसी व्यक्ति के पास होम क्वारंटाइन की सुविधा नहीं है तो वो सरकार द्वारा चिन्हित सरकारी या पेड फैसिलिटी में 7 दिन तक क्वारंटाइन रह सकते हैं। 

गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से आप बस/ट्रेन/हवाई यात्रा/कार या फिर ट्रक से किसी से माध्यम से दिल्ली आते हैं, तो आपको इन नए नियमों का पालन करना होगा। आंध्र व तेलंगाना में कोरोना के नये वेरिएंट मिलने के बाद दिल्ली सरकार ने ये आदेश जारी किया। 

जो भी व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करेगा उसको 7 दिनों के लिए सरकारी इंस्टिट्यूशन क्वारंटाइन में रखा जाएगा। इन दोनों राज्यों (आंध्र व तेलंगाना) से जो लोग अपने राज्यों के भवन में जाएंगे वहां पर इन नियमों का पालन करवाना रेजिडेंट कमिश्नर की जिम्मेदारी होगी। 

जो लोग होटल, रिसॉर्ट, हॉस्टल आदि में जाएंगे वहां पर इनके मालिक की जिम्मेदारी होगी और सड़क के रास्ते इन दो रास्तों से जो लोग दिल्ली में प्रवेश करेंगे उनकी जिम्मेदारी संबंधित डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और दिल्ली पुलिस के डीसीपी की होगी। 

हालांकि, इन दो राज्यों से अगर कोई सरकारी या संवैधानिक संस्था के लोग किसी औपचारिक काम से दिल्ली आते हैं तो उनको छूट होगी। जाहिर है दिल्ली में बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पहले से ही नाइट कर्फ्यू लागू है। 

उधर, दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर जिले में कोरोना का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। शहरी क्षेत्र के बाद गांवों में भी इसका असर दिखने लगा है। जिले में कुल 300 से ज्यादा कंटेनमेंट जोन हो चुके हैं। बीते पांच दिन से जिले में संक्रमितों का ग्राफ तेजी से ऊपर की ओर बढ़ा है। स्वास्थ्य और प्रशासनिक अधिकारी इसे नीचे लाने में जुटे हैं। पिछले 10 दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में 50 से अधिक मौते हुई है, बिसरख, जेवर, दादरी के गांवों में ज़्यादातर लोग बीमार है, न जांच हो रही है और न ही सेनेटाइज़ेशन, ग्रामीण दहशत में है। 

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