News18 : Sep 08, 2020, 08:01 AM
बीजिंग। चीन (China) की तरफ से आक्रामक रवैया लगातार जारी है। अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में बॉर्डर से चीन की सेना (PLA) द्वारा पांच भारतीयों के अपहरण करने के मामले में चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह अरुणाचल को भारत का हिस्सा नहीं मानता। चीन ने स्पष्ट कहा कि वह अरुणाचल को हमेशा से ही चीन के दक्षिणी तिब्बत का इलाका मानता आया है। चीन का आरोप है कि सोमवार को एलएसी पर तैनात भारतीय सैनिकों ने एक बार फिर ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से वास्तविक सीमा रेखा को पार किया और चीनी सीमा पर तैनात सैनिकों पर वार्निंग शॉट्स फ़ायर किए।चीन के मुताबिक़ चीनी सैनिक बातचीत करने वाले थे।
चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने चीनी सेना के एक प्रवक्ता के हवाले से लिखा है कि हालात को स्थिर करने के लिए चीनी सैनिकों को मजबूर होकर जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। बता दें कि अपहरण के मामले में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्विटर के जरिए सवाल पूछा था, जिसके जवाब में ये प्रतिक्रिया आई है। चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक़ चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लिजिएंग ने कहा, 'चीन ने कभी 'कथित' अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी, ये चीन के दक्षिणी तिब्बत का इलाका है। हमारे पास भारतीय सेना की ओर से इस इलाके से पांच लापता भारतीयों को लेकर सवाल आया है लेकिन अभी हमारे पास इसे लेकर कोई जानकारी नहीं है।' भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी ज़िले से पांच लोगों के 'पीपुल्स लिबरेशन आर्मी' (पीएलए) के सैनिकों द्वारा कथित तौर पर अपहरण किए जाने के मुद्दे को चीनी सेना के समक्ष उठाया था।
चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने चीनी सेना के एक प्रवक्ता के हवाले से लिखा है कि हालात को स्थिर करने के लिए चीनी सैनिकों को मजबूर होकर जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। बता दें कि अपहरण के मामले में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्विटर के जरिए सवाल पूछा था, जिसके जवाब में ये प्रतिक्रिया आई है। चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक़ चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लिजिएंग ने कहा, 'चीन ने कभी 'कथित' अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी, ये चीन के दक्षिणी तिब्बत का इलाका है। हमारे पास भारतीय सेना की ओर से इस इलाके से पांच लापता भारतीयों को लेकर सवाल आया है लेकिन अभी हमारे पास इसे लेकर कोई जानकारी नहीं है।' भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी ज़िले से पांच लोगों के 'पीपुल्स लिबरेशन आर्मी' (पीएलए) के सैनिकों द्वारा कथित तौर पर अपहरण किए जाने के मुद्दे को चीनी सेना के समक्ष उठाया था।
China has never recognized so-called "Arunachal Pradesh," which is China's south Tibet region, and we have no details to release yet about question on Indian army sending a message to PLA about five missing Indians in the region: Chinese FM spokesperson Zhao Lijian pic.twitter.com/PqFdV5zp60
— Global Times (@globaltimesnews) September 7, 2020
रिजिजू ने किया था ट्वीटबता दें कि बीते रविवार रात एक ट्वीट के जरिए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस अपहरण की जानकारी देते हुए बताया था कि भारतीय सेना चीन के जवाब का इंतज़ार कर रही है। उन्होंने लिखा, 'भारतीय सेना ने पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी समकक्ष को संदेश भेजा है, जवाब का इंतज़ार किया जा रहा है।' रिजिजू ने एक पत्रकार के ट्वीट के जवाब में ये बात लिखी थी। इस साल जून में लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच हुई झड़प में 20 भारतीय जवानों की मौत हुई और इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच चनाव बढ़ता जा रहा है29-30 अगस्त की रात भारतीय सेना के मुताबिक़ दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इसमें किसी के घायल होने की अब तक कोई सूचना नहीं मिली। भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा था कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए ने सीमा पर यथास्थिति बदलने की कोशिश की लेकिन सतर्क भारतीय सैनिकों ने ऐसा नहीं होने दिया। इस बयान के मुताबिक़, 'भारतीय सैनिकों ने पैंगॉन्ग त्सो लेक में चीनी सैनिकों के उकसाने वाले क़दम को रोक दिया है। भारतीय सेना बातचीत के ज़रिए शांति बहाल करने की पक्षधर है लेकिन इसके साथ ही अपने इलाक़े की अखंडता की सुरक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है। पूरे विवाद पर ब्रिगेड कमांडर स्तर पर बैठक जारी है।'Indian troops' illegal crossing of the LAC on Mon seriously violated agreements reached by China & #India, stirred up tensions in the region, and would easily cause misunderstandings & misjudgments, which is a serious military provocation: spokesperson https://t.co/9A0j8nU5IS
— Global Times (@globaltimesnews) September 7, 2020