Zoom News : Mar 02, 2021, 10:14 AM
मध्य प्रदेश में एक वकील जज की अनुमति के बिना उसकी तस्वीर डाउनलोड करने और कथित रूप से अभद्र टिप्पणियों का उपयोग करने के आरोप में जेल में है। 37 वर्षीय वकील विजय सिंह यादव पर आरोप है कि उन्होंने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) के फेसबुक अकाउंट से कथित तौर पर उनकी एक तस्वीर डाउनलोड की और उनके जन्मदिन के मौके पर बेईमानी से उनका जन्मदिन मनाने की कामना की।
विजय सिंह यादव के खिलाफ आईटी एक्ट सहित कई अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि विजय ने 28 जनवरी की रात 1.11 बजे जेएमएफसी को ईमेल के जरिए संदेश भेजा था। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, रतलाम जिला अदालत प्रणाली अधिकारी महेंद्र सिंह चौहान की ओर से विजय के खिलाफ 8 फरवरी को स्टेशन रोड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई थी। उस पर धोखाधड़ी और उसे बदनाम करने का प्रयास करने सहित कई अन्य आरोप लगे। शिकायत में यह भी कहा गया है कि ईमेल के अलावा विजय ने स्पीड पोस्ट से ग्रीटिंग कार्ड भी भेजा था।विजय सिंह शादीशुदा हैं और उनके चार बच्चे हैं। उसके भाई जय ने बताया कि विजय को पुलिस ने घर से गिरफ्तार किया था। विजय इस मामले में अपनी बहस कर रहे हैं। उन्हें 9 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और उनकी याचिका को निचली अदालत ने 13 फरवरी को खारिज कर दिया था। जिसके बाद विजय के परिवार ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। इस मामले की सुनवाई 3 मार्च को होनी है। वहीं, विजय का कहना है कि उन्होंने एक सामाजिक कार्यकर्ता और जय कुल देवी सेवा समिति के प्रमुख के रूप में एक ग्रीटिंग कार्ड भेजा था।
विजय सिंह यादव के खिलाफ आईटी एक्ट सहित कई अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि विजय ने 28 जनवरी की रात 1.11 बजे जेएमएफसी को ईमेल के जरिए संदेश भेजा था। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, रतलाम जिला अदालत प्रणाली अधिकारी महेंद्र सिंह चौहान की ओर से विजय के खिलाफ 8 फरवरी को स्टेशन रोड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई थी। उस पर धोखाधड़ी और उसे बदनाम करने का प्रयास करने सहित कई अन्य आरोप लगे। शिकायत में यह भी कहा गया है कि ईमेल के अलावा विजय ने स्पीड पोस्ट से ग्रीटिंग कार्ड भी भेजा था।विजय सिंह शादीशुदा हैं और उनके चार बच्चे हैं। उसके भाई जय ने बताया कि विजय को पुलिस ने घर से गिरफ्तार किया था। विजय इस मामले में अपनी बहस कर रहे हैं। उन्हें 9 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और उनकी याचिका को निचली अदालत ने 13 फरवरी को खारिज कर दिया था। जिसके बाद विजय के परिवार ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। इस मामले की सुनवाई 3 मार्च को होनी है। वहीं, विजय का कहना है कि उन्होंने एक सामाजिक कार्यकर्ता और जय कुल देवी सेवा समिति के प्रमुख के रूप में एक ग्रीटिंग कार्ड भेजा था।