News18 : Apr 30, 2020, 12:55 PM
नई दिल्ली। दुनिया भर में कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के मामले बढ़कर अब 32,18,000 से ज्यादा हो गए हैं। कुल मौतों की संख्या बढ़कर 2,28,000 से भी ज्यादा हो गई है। कई देशों के वैज्ञानिक कोरोना वायरस की दवा बनाने में जुटे हुए है, लेकिन कोरोना के शरीर पर अलग-अलग प्रभाव से वैज्ञानिकों की कोशिश भी नाकाम होती नजर आ रही है। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने बच्चों में ऐसे ही कुछ नए लक्षणों का पता लगाया और चेतावनी दी है कि ये कोरोना वायरस जैसे ही हैं, लेकिन किसी नए वायरस के हैं। इसमें बच्चों के होंठ नीले पड़ रहे हैं और शरीर पीला पड़ने लग रहा है। ये नया वायरस आगे चलकर और भी विकराल रूप लेने वाला है।
इंग्लैंड की पेंडेमिक इंटेंसिव केयर सोसाइटी के वैज्ञानिकों ने एक बयान जारी कर बताया कि बीते तीन हफ्तों में लंदन और यूके के दूसरे क्षेत्रों के बच्चों में खास तरह के लक्षण देखे गए हैं; जो कोरोना तो नहीं, मगर कोरोना जैसे किसी नए खतरनाक वायरस के हो सकते हैं इस सोसाइटी ने चिंता जाहिर करते हुए बताया, 'यूके में बच्चों में उभरने वाले एक SARS-CoV-2 संबंधित सिंड्रोम पाया जा रहा है। ये आगे चलकर बड़ी महामारी के रूप में तब्दील हो सकता है।'
जिन बच्चों की जांच में ये बात पता चली, वो सभी कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे। लेकिन इनमें वो लक्षण नहीं मिले, जो आम तौर पर कोरोना संक्रमित में पाए जाते हैं। आमतौर पर कोरोना के लक्षण में तेज बुखार आने से लेकर निमोनिया जैसे लक्षण दिखते हैं, लेकिन इन बच्चों में कोरोना के बिल्कुल अलग और कई तरह के लक्षण देखने को मिले हैं। बड़े से लेकर छोटे उम्र के सभी लोगों में या तो तेज बुखार जैसे आम लक्षण देखने को मिले है तो कई में लो ब्लड प्रेशर, शरीर पर चकत्ते, पेट दर्द, डायरिया और दिल में सूजन जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। डॉक्टरों का मानना है कि ये बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित न होकर किसी दूसरे वायरस से संक्रमित हुए हैं।
ये लक्षण मिले तो तुरंत ले डॉक्टरों की सलाह
>>शरीर का पीला पड़ना, धब्बा या छूने पर असामान्य रूप से ठंडा लगना>> सांस लेने में दिक्कत>>सांस लेने की कठिनाई इस कदर बढ़ जाती है कि शरीर काम करना बंद कर दे।>>होंठ के आसपास नीला निशान>>शरीर का सुन्न पड़ जाना>>बहुत ज्यादा परेशान होना (रोने लगना), कंफ्यूज्ड और सुस्त पड़ जाना।>> शरीर पर चकत्ते पड़ना जो दबाने के बाद भी नहीं जाते हैं>> कम उम्र के बच्चों में टेस्टीकुलर पेनब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजन के प्रेसिडेंट रमेश मेहता ने CNN News18 को बताया, 'इन बच्चों के ब्लड सैंपल किसी गंभीर रूप से कोरोना संक्रमित के सैंपल रिजल्ट से मिलते-जुलते हैं। अब ये कोविड-19 है या फिर कोई और वायरस, इस बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता।' ऐसे 25 से 30 केस ही अभी मिले हैं और ज्यादातर लंदन में ही पाए गए हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक छोटे बच्चों में ऐसे भयावह लक्षण दिखना काफी चिंताजनक है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर किसी भी बच्चों में ऐसे कोई लक्षण सामने नजर आते है तो वह तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये पता लगाना काफी असंभव है कि इस तरह के लक्षण पाए जाने वाले कितने बच्चों कोराना से संक्रमित है।
इंग्लैंड की पेंडेमिक इंटेंसिव केयर सोसाइटी के वैज्ञानिकों ने एक बयान जारी कर बताया कि बीते तीन हफ्तों में लंदन और यूके के दूसरे क्षेत्रों के बच्चों में खास तरह के लक्षण देखे गए हैं; जो कोरोना तो नहीं, मगर कोरोना जैसे किसी नए खतरनाक वायरस के हो सकते हैं इस सोसाइटी ने चिंता जाहिर करते हुए बताया, 'यूके में बच्चों में उभरने वाले एक SARS-CoV-2 संबंधित सिंड्रोम पाया जा रहा है। ये आगे चलकर बड़ी महामारी के रूप में तब्दील हो सकता है।'
जिन बच्चों की जांच में ये बात पता चली, वो सभी कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे। लेकिन इनमें वो लक्षण नहीं मिले, जो आम तौर पर कोरोना संक्रमित में पाए जाते हैं। आमतौर पर कोरोना के लक्षण में तेज बुखार आने से लेकर निमोनिया जैसे लक्षण दिखते हैं, लेकिन इन बच्चों में कोरोना के बिल्कुल अलग और कई तरह के लक्षण देखने को मिले हैं। बड़े से लेकर छोटे उम्र के सभी लोगों में या तो तेज बुखार जैसे आम लक्षण देखने को मिले है तो कई में लो ब्लड प्रेशर, शरीर पर चकत्ते, पेट दर्द, डायरिया और दिल में सूजन जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। डॉक्टरों का मानना है कि ये बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित न होकर किसी दूसरे वायरस से संक्रमित हुए हैं।
ये लक्षण मिले तो तुरंत ले डॉक्टरों की सलाह
>>शरीर का पीला पड़ना, धब्बा या छूने पर असामान्य रूप से ठंडा लगना>> सांस लेने में दिक्कत>>सांस लेने की कठिनाई इस कदर बढ़ जाती है कि शरीर काम करना बंद कर दे।>>होंठ के आसपास नीला निशान>>शरीर का सुन्न पड़ जाना>>बहुत ज्यादा परेशान होना (रोने लगना), कंफ्यूज्ड और सुस्त पड़ जाना।>> शरीर पर चकत्ते पड़ना जो दबाने के बाद भी नहीं जाते हैं>> कम उम्र के बच्चों में टेस्टीकुलर पेनब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजन के प्रेसिडेंट रमेश मेहता ने CNN News18 को बताया, 'इन बच्चों के ब्लड सैंपल किसी गंभीर रूप से कोरोना संक्रमित के सैंपल रिजल्ट से मिलते-जुलते हैं। अब ये कोविड-19 है या फिर कोई और वायरस, इस बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता।' ऐसे 25 से 30 केस ही अभी मिले हैं और ज्यादातर लंदन में ही पाए गए हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक छोटे बच्चों में ऐसे भयावह लक्षण दिखना काफी चिंताजनक है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर किसी भी बच्चों में ऐसे कोई लक्षण सामने नजर आते है तो वह तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये पता लगाना काफी असंभव है कि इस तरह के लक्षण पाए जाने वाले कितने बच्चों कोराना से संक्रमित है।