News18 : Apr 24, 2020, 10:27 AM
नई दिल्ली। दुनियाभर में तेजी से बढ़ती कोरोना (Coronavirus) संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए 24 मार्च को भारत (India) में लॉकडाउन (Lockdown) की घोषणा की गई थी। देश में लॉकडाउन को आज एक महीना पूरा हो गया है। एक महीने के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो भारत की स्थिति काफी बेहतर नजर आती है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च/आईसीएमआर (ICMR) के निदेशक डॉ। सीके मिश्रा ने कहा कि पिछले एक महीने के अंदर कोरोना संकमित मरीजों की संख्या में कोई इजाफा नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि 23 मार्च को जब 14,915 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया था तब भी 4 से 4.5 प्रतिशत मामले ही पॉजिटिव पाए गए थे और एक महीने बाद जब 5 लाख लोगों में कोरोना टेस्ट किया जा चुका है तब भी पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 4.5 प्रतिशत ही है। जो एक अच्छा संकेत है।
सीके मिश्रा ने कहा कि भारत में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या को देखते हुए हम कह सकते हैं कि भारत में हालत अभी बिगड़े नहीं हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक 21,700 लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि इस दौरान 686 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 4,324 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं।
आईसीएमआर के निदेशक डॉ। सीके मिश्रा ने बताया कि 22 अप्रैल तक पांच लाख से ज्यादा टेस्ट किए जा चुके हैं लेकिन वायरस की गंभीरता को देखते हुए ये काफी नहीं हैं। पिछले 30 दिनों के अंदर जांच 33 गुना बढ़ी है। हम लगातार जांच के दायरे को और बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। हम जानते हैं कि कोरोना को हराने का एक ही हथियार है कि जांच में ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाकर उनमें कोरोना के लक्षण का पता लगाया जा सके।
सीके मिश्रा ने कहा कि भारत में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या को देखते हुए हम कह सकते हैं कि भारत में हालत अभी बिगड़े नहीं हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक 21,700 लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि इस दौरान 686 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 4,324 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं।
आईसीएमआर के निदेशक डॉ। सीके मिश्रा ने बताया कि 22 अप्रैल तक पांच लाख से ज्यादा टेस्ट किए जा चुके हैं लेकिन वायरस की गंभीरता को देखते हुए ये काफी नहीं हैं। पिछले 30 दिनों के अंदर जांच 33 गुना बढ़ी है। हम लगातार जांच के दायरे को और बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। हम जानते हैं कि कोरोना को हराने का एक ही हथियार है कि जांच में ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाकर उनमें कोरोना के लक्षण का पता लगाया जा सके।