AajTak : Apr 15, 2020, 02:25 PM
दिल्ली: केंद्र सरकार ने 20 अप्रैल से देश के कुछ इलाकों में लॉकडाउन में ढील देने और सभी जरूरी इंडस्ट्री-कारोबारी गतिविधियों को शुरू करने की इजाजत दी है। इसके लिए बुधवार को विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं।पीएम मोदी ने मंगलवार के अपने संबोधन में इसका ऐलान भी किया था। यह उन्हीं इलाकों में होगा जहां कोरोना पर अंकुश है और लोग लॉकडाउन का सख्ती से पालन कर रहे हों।
गौरतलब है कि फिक्की जैसे कई इंडस्ट्री चैम्बर इस बात की मांग कर रहे थे कि सरकार कुछ शर्तों के साथ सभी जरूरी इंडस्ट्री में कामकाज की इजाजत दे। गृह मंत्रालय ने बुधवार को इसके बारे में विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। निर्देश में कहा गया है कि इन गतिविधियों में ढील देने के साथ ही राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी दफ्तरों और व्यावसायिक केंद्रों में सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन हो। साथ ही उन इलाकों में यह कारोबार चालू नहीं होंगे, जिन्हें कोरोना संक्रमण वाला या हॉटस्पॉट घोषित किया गया है।
इंडस्ट्री और कारोबार के इन क्षेत्रों में शुरू होगा काम
—प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, केबल, डीटीएच सेवाएं जारी रहेंगी
—सरकारी गतिविधियों के डेटा , कॉल सेंटर खुलेंगे
—कोरियर सेवा, ई-कॉमर्स कंपनियों का काम
—कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउसिंग सर्विस
—प्राइवेट सिक्योरिटी और ऑफिस मैनेजमेंट सेवाएं
—ऐसे होटल, मोटल या गेस्टहाउस जहां लॉकडाउन की वजह से टूरिस्ट फंसे हों
—इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, मोटर मेकैनिक, आईटी रिपेयर, कारपेंटर
—ई-कॉमर्स कंपनी और किराना जैसे जरूरी सामान की सप्लाई
—ग्रामीण इलाकों के उद्योग
—स्पेशल इकोनॉमिक जोन, एक्सपोर्ट ओरिएंटेड जोन, इंडस्ट्रियल टाउनशिप के उद्योग,
—दवाओं और अन्य जरूरी सामान के उत्पादन में लगे कारखानों के उत्पादन काम
—ग्रामीण इलाकों के फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के काम
—आईटी हार्डवेयर की मैन्युफैक्चरिंग
—कोयला, खनिज उत्पादन और उनकी ढुलाई, खनन के लिए जरूरी विस्फोटकों की आपूर्ति
—पैकेजिंग सामग्री की उत्पादन करने वाली इंडस्ट्री का काम
—तेल एवं गैस का अन्वेषण कार्य
—जूट इंडस्ट्री का काम
—ग्रामीण इलाकों के ईंट भट्ठे
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें।।।
निर्माण गतिविधियां
सरकार ने निर्माण गतिविधियों से जुड़े निम्न कार्यों को भी 20 अप्रैल से कुछ तय इलाकों में खोलने का निर्णय लिया है।
—ग्रामीण इलाकों में सड़क, सिंचाई परियोजनाओं, इमारत और सभी तरह की औद्योगिक परियोजनाओं का निर्माण
—अक्षय उर्जा परियोजनाओं का निर्माण
— नगरीय इलाकों में निर्माण परियोजनाओं का काम, जहां मजदूर परियोजना स्थल पर ही हों और बाहर से किसी मजदूर को लाने की जरूरत न हो
गौरतलब है कि फिक्की जैसे कई इंडस्ट्री चैम्बर इस बात की मांग कर रहे थे कि सरकार कुछ शर्तों के साथ सभी जरूरी इंडस्ट्री में कामकाज की इजाजत दे। गृह मंत्रालय ने बुधवार को इसके बारे में विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। निर्देश में कहा गया है कि इन गतिविधियों में ढील देने के साथ ही राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी दफ्तरों और व्यावसायिक केंद्रों में सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन हो। साथ ही उन इलाकों में यह कारोबार चालू नहीं होंगे, जिन्हें कोरोना संक्रमण वाला या हॉटस्पॉट घोषित किया गया है।
इंडस्ट्री और कारोबार के इन क्षेत्रों में शुरू होगा काम
—प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, केबल, डीटीएच सेवाएं जारी रहेंगी
—सरकारी गतिविधियों के डेटा , कॉल सेंटर खुलेंगे
—कोरियर सेवा, ई-कॉमर्स कंपनियों का काम
—कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउसिंग सर्विस
—प्राइवेट सिक्योरिटी और ऑफिस मैनेजमेंट सेवाएं
—ऐसे होटल, मोटल या गेस्टहाउस जहां लॉकडाउन की वजह से टूरिस्ट फंसे हों
—इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, मोटर मेकैनिक, आईटी रिपेयर, कारपेंटर
—ई-कॉमर्स कंपनी और किराना जैसे जरूरी सामान की सप्लाई
—ग्रामीण इलाकों के उद्योग
—स्पेशल इकोनॉमिक जोन, एक्सपोर्ट ओरिएंटेड जोन, इंडस्ट्रियल टाउनशिप के उद्योग,
—दवाओं और अन्य जरूरी सामान के उत्पादन में लगे कारखानों के उत्पादन काम
—ग्रामीण इलाकों के फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के काम
—आईटी हार्डवेयर की मैन्युफैक्चरिंग
—कोयला, खनिज उत्पादन और उनकी ढुलाई, खनन के लिए जरूरी विस्फोटकों की आपूर्ति
—पैकेजिंग सामग्री की उत्पादन करने वाली इंडस्ट्री का काम
—तेल एवं गैस का अन्वेषण कार्य
—जूट इंडस्ट्री का काम
—ग्रामीण इलाकों के ईंट भट्ठे
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें।।।
निर्माण गतिविधियां
सरकार ने निर्माण गतिविधियों से जुड़े निम्न कार्यों को भी 20 अप्रैल से कुछ तय इलाकों में खोलने का निर्णय लिया है।
—ग्रामीण इलाकों में सड़क, सिंचाई परियोजनाओं, इमारत और सभी तरह की औद्योगिक परियोजनाओं का निर्माण
—अक्षय उर्जा परियोजनाओं का निर्माण
— नगरीय इलाकों में निर्माण परियोजनाओं का काम, जहां मजदूर परियोजना स्थल पर ही हों और बाहर से किसी मजदूर को लाने की जरूरत न हो