AajTak : Apr 11, 2020, 02:55 PM
दिल्ली: लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग लागू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें काफी कोशिशें कर रही हैं। इसी बीच मध्य प्रदेश में ऐसी नौबत आ गई कि प्रशासन को 47 घरों में तालाबंदी करनी पड़ गई। हालांकि बाद में इस तालाबंदी को हटाना पड़ा।
मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का है। यहां राजनगर तहसील के अंतर्गत आने वाले 47 घरों में एसडीएम के आदेश पर तालाबंदी कर दी गई। बताया गया कि 20 मार्च के बाद ग्वालियर, कानपुर, भोपाल और इंदौर जैसे शहरों से ये सभी लोग लौटे थे। इसलिए कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए इन्हें घर में ही आइसोलेट किया गया। लोगों ने उसका उल्लंघन किया तो एसडीएम ने तालाबंदी करवा दी।इस घटना का काफी विरोध हुआ। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया, ‘छतरपुर जिले के राजनगर और खजुराहो कस्बे में कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन का पालन कराने के लिए प्रशासन द्वारा 47 व्यक्तियों को उनके परिवार के साथ घर में बंद कर बाहर से की गई तालाबंदी की घटना की जानकारी मिली है। यह पूरी तरह से निरकुंशता, दमनकारी और अमानवीयता भरा कदम है। यह मानव अधिकारों का भी उल्लंघन है। सरकार इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर उचित कदम उठाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे।’इसके बाद यह मामला गरमा गया। कई अन्य लोगों ने भी इस घटना का विरोध किया। अंततः आनन-फानन में राजनगर एसडीएम स्वप्निल वानखेड़े ने 47 घरों में की गई तालाबंदी का आदेश वापस ले लिया।
पूरे मामले पर एसडीएम स्वप्निल वानखेड़े ने कहा कि लोगों ने अपनी गलती को स्वीकार कर लिया है और आगे से घरों के बाहर ना निकलने की बात कही है। इसके बाद उनके घरों के बाहर लगे ताले खोले गए हैं।
मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का है। यहां राजनगर तहसील के अंतर्गत आने वाले 47 घरों में एसडीएम के आदेश पर तालाबंदी कर दी गई। बताया गया कि 20 मार्च के बाद ग्वालियर, कानपुर, भोपाल और इंदौर जैसे शहरों से ये सभी लोग लौटे थे। इसलिए कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए इन्हें घर में ही आइसोलेट किया गया। लोगों ने उसका उल्लंघन किया तो एसडीएम ने तालाबंदी करवा दी।इस घटना का काफी विरोध हुआ। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया, ‘छतरपुर जिले के राजनगर और खजुराहो कस्बे में कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन का पालन कराने के लिए प्रशासन द्वारा 47 व्यक्तियों को उनके परिवार के साथ घर में बंद कर बाहर से की गई तालाबंदी की घटना की जानकारी मिली है। यह पूरी तरह से निरकुंशता, दमनकारी और अमानवीयता भरा कदम है। यह मानव अधिकारों का भी उल्लंघन है। सरकार इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर उचित कदम उठाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे।’इसके बाद यह मामला गरमा गया। कई अन्य लोगों ने भी इस घटना का विरोध किया। अंततः आनन-फानन में राजनगर एसडीएम स्वप्निल वानखेड़े ने 47 घरों में की गई तालाबंदी का आदेश वापस ले लिया।
पूरे मामले पर एसडीएम स्वप्निल वानखेड़े ने कहा कि लोगों ने अपनी गलती को स्वीकार कर लिया है और आगे से घरों के बाहर ना निकलने की बात कही है। इसके बाद उनके घरों के बाहर लगे ताले खोले गए हैं।