AMAR UJALA : Dec 06, 2019, 03:02 PM
मुंबई | महाराष्ट्र के एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने एनसीपी नेता अजित पवार को सिंचाई घोटाले में आरोपों से मुक्त कर दिया है। 27 नवंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट में जमा किए गए शपथपत्र के मुताबिक विदर्भ सिंचाई विकास निगम (वीआईडीसी) के चेयरमैन अजित पवार को कार्यकारी एजेंसियों के कार्यों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, क्योंकि पवार के पास कोई वैधानिक दायित्व नहीं है।
एसीबी ने बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में दायर किए गए अपने हलफनामे में विदर्भ क्षेत्र में सिंचाई परियोजनाओं में कथित अनियमितताओं के मामलों में पवार की संलिप्तता से इनकार किया है।शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के 28 नवंबर को शपथ ग्रहण से एक दिन पहले 27 नवंबर को हलफनामा पेश किया गया था।अदालत ने इन मामलों में एसीबी को पूर्व जल संसाधन विकास मंत्री पवार की भूमिका पर अपना पक्ष रखने को कहा था। पवार विदर्भ सिंचाई विकास निगम (वीआईडीसी) के अध्यक्ष पद पर भी सेवाएं दे चुके हैं। वीआईडीसी ने उन सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी थी जिनमें अनियमितताएं किए जाने का आरोप लगाया गया है।Maharashtra’s anti-corruption bureau (ACB) clears NCP's Ajit Pawar of allegations in irrigation scam.The affidavit, submitted on 27 Nov at Bombay HC,states 'Chairman of VIDC (Ajit Pawar) can't be held responsible for acts of executing agencies,as there's no legal duty on his part pic.twitter.com/C31dKmyABQ
— ANI (@ANI) December 6, 2019