मुंबई / महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव : राज्य में पहली बार 'बड़े भाई' की भूमिका में भाजपा

AMAR UJALA : Oct 06, 2019, 08:17 AM
विधानसभा चुनाव | महाराष्ट्र में आखिरकार शिवसेना ने भाजपा को बड़ा भाई मान ही लिया। इस बार विधानसभा की 288 सीटों में से भाजपा 164 और शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले तक भाजपा हमेशा 110 से 115 जबकि शेष सीटों पर शिवसेना अपने उम्मीदवार खड़े करती रही है। 2014 का विधानसभा चुनाव दोनों दलों ने अलग-अलग लड़ा था। 

शिवसेना पहले बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने पर अड़ी हुई थी लेकिन भाजपा ने उसकी इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया था। शुक्रवार देर रात दोनों ही दलों ने सीटों के गठबंधन का एलान किया था। एनडीए के अन्य सहयोगी दलों के उम्मीदवार भाजपा के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ेंगे। इससे छोटे दलों का महत्व लगभग खत्म हो जाएगा क्योंकि वे भाजपा को छोड़कर अन्य किसी का समर्थन करने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं।

1989 में पहली बार हुआ था दोनों दलों का गठजोड़

शिवसेना भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी है। दोनों दलों के बीच पहली बार साल 1989 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में गठबंधन हुआ था। इसके बाद से विधानसभा और लोकसभा के सभी चुनाव दोनों दलों ने मिलकर लड़े। दोनों ने साल 1995 में मिलकर सरकार बनाई थी। 

इसमें शिवसेना के मनोहर जोशी मुख्यमंत्री बने थे लेकिन यह दोस्ती साल 2014 में सीटों के बंटवारे को लेकर टूट गई। तब भाजपा की ताकत महाराष्ट्र समेत पूरे देश में बढ़ रही थी और पार्टी मोदी लहर के बल पर महाराष्ट्र चुनाव भी जीतना चाहती थी।

पिछला चुनाव अलग लड़ा पर मिलकर बनाई सरकार

साल 2014 के विधानसभा चुनाव में दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। भाजपा को 122 जबकि शिवसेना को 63 सीटें मिलीं। पूर्ण बहुमत से 20 सीट दूर रहने की वजह से भाजपा ने शिवसेना की मदद से सरकार बनाई। दोनों के बीच तनावपूर्ण संबंध साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कुछ सामान्य हुए जब दोनों पार्टियों ने राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 24-24 सीटें बांटने का फैसला किया। तब विधानसभा चुनाव में भी बराबर सीटें लड़ने पर बात हुई थी लेकिन भाजपा के दबाव के आगे इस बार शिवसेना को झुकना पड़ा।

भाजपा-शिवसेना को मिलेंगी 200 से ज्यादा सीटें : जावड़ेकर

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन 200 से ज्यादा सीटें जीतेगा। जावड़ेकर ने कहा, भाजपा ऐसी पार्टी है जो सातों दिन, 24 घंटे काम करती है। जब 2019 लोकसभा चुनाव खत्म हुआ, भाजपा ने अगले चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी।  

जावड़ेकर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस दो महीने तक अपने अध्यक्ष का विकल्प नहीं ढूंढ पाई थी। इन दो महीनों में हमें नया कार्यकारी अध्यक्ष भी मिल गया। उन्होंने कहा, इस बीच हमारे 19 करोड़ सदस्य हो गए। हम लोगों के बीच 24 घंटे रहते हैं, जिसका हमें फायदा मिल रहा है। 

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER