ओडिशा / मेंटेनेंस टावर कार-समलेश्वरी एक्सप्रेस में टक्कर, आग लगी; 2 जिंदा जले, एक की गिरने से मौत

Dainik Bhaskar : Jun 26, 2019, 09:53 AM
जगदलपुर/रायगडा. हावड़ा से जगदलपुर जा रही समलेश्वरी एक्सप्रेस और रेल लाइन की मरम्मत में जुटी टावर कार के बीच मंगलवार को उड़ीसा के रायगडा जिले के केउटगुडा के पास टक्कर हो गई, जिससे टावर कार और ट्रेन के इंजन में आग लग गई। इसमें टावर कार के तीन कर्मचारियों की मौत हो गई। हालांकि, किसी यात्री को चोट नहीं आई।

टावर कार में कुल सात लोग सवार थे, जिनमें से चार रेल कर्मी टक्कर होते ही नीचे कूद गए। रायगडा के सीनियर सेक्शन इलेक्ट्रिकल इंजीनियर सागर और टेक्नीशियन इलेक्ट्रिकल गौरी नायडू टावर कार में ही जिंदा जल गए। एक मेंटेनेंस टेक्नीशियन सुरेश बाहर पटरी पर जा गिरा, जिससे उसकी मौत हो गई है। आग लगने के बाद धुंआ उठा तो राहगीर घटनास्थल की ओर दौड़े और यात्रियों की खोज खबर ली। हादसे में एसएलआर में बैठे रेलवे के ड्राइवर वेंकटेश का पैर टूट गया है।

दो डिब्बे पटरी से उतर गए

समलेश्वरी एक्सप्रेस रायगडा से कोरापुट होते हुए जगदलपुर की ओर रवाना हुई थी। सिंगापुर रोड स्टेशन से ट्रेन को सिग्नल मिला और ड्राइवर ने रफ्तार बढ़ा दी। लेकिन, यह ट्रेन केउटगुडा पहुंचने के पहले रेल लाइन पर मरम्मत के कार्य में जुटी टावर कार से टकरा गई। समलेश्वरी एक्सप्रेस के ड्राइवर ने सामने टावर कार को देखकर इमरजेंसी ब्रेक भी लगाए थे। इसके कारण इंजन को बोगी से जोड़ने वाला कपलिंग टूट गया। इंजन के पीछे लगा एसएलआर और जनरल कोच पटरी से उतर गया। रेल के इलेक्ट्रिक इंजन और टावर कार में आग लग गई। शाम को दूसरे इंजन से समलेश्वरी एक्सप्रेस को वापस रायगडा स्टेशन लाया गया।

स्टेशन मास्टर को निलंबित किया

समलेश्वरी एक्सप्रेस के सभी यात्रियों को बसों के जरिये कोरापुट और जगदलपुर की ओर भेजा गया। दुर्घटना के लिए प्रारंभिक रूप से जिम्मेदार केउटगुडा और सिंगापुर रोड के स्टेशन मास्टर को निलंबित कर दिया गया है। हादसे के बाद रायगडा-कोरापुट रेल मार्ग पर रेल यातायात कुछ समय के बाद बंद कर दिया गया। 

सीपीआरओ के मुताबिक, समलेश्वरी एक्सप्रेस में कुल 148 यात्री थे। किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। रेलवे ने रेल सुरक्षा आयुक्त कोलकाता को मामले की जांच का आदेश दिया है।

समलेश्वरी के ड्राइवर पी संजीव की आपबीती

ट्रेन के ड्राइवर पी संजीव ने भास्कर को बताया, "हम रायगडा से निकले थे। उस वक्त ट्रेन की रफ्तार 45 किमी प्रति घंटा थी। केउटगुडा के पहले गोलाई पर मोड़ है। इसे पार करते ही सामने से टावर कार आती दिखी, तब तक मैंने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया। लेकिन कपलिंग टूटने के बाद इंजन घिसटता हुआ टावर कार से टकरा गया। टावर कार से कुछ लोग बाहर कूदते हुए दिखे। दुर्घटना में मुझे हल्की चोट आई है।"

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