भारत-चीन सीमा विवाद / डेपसांग में तनाव खत्म करने के लिए लद्दाख में मेजर जनरल स्तर की बातचीत जारी

News18 : Aug 08, 2020, 04:11 PM
लेह। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव खत्म करने के लिए भारत और चीन के बीच पिछले करीब 3 हफ्ते से बातचीत चल रही है। लेकिन अभी तक इसका कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। आज एक बार फिर से दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर (Major General-Level Talks ) की बातचीत चल रही है। ये बातचीत डेपसांग (Depsang) में तनाव को खत्म करने के लिए की जा रही है। ये पहला मौका है जब खास तौर पर इस इलाके लिए बातचीत हो रही हो। दरअसल पिछले कुछ समय से यहां चीन की सेना भारत को पेट्रोलिंग करने के लिए नहीं दे रही है।


लगातार चल रही है बातचीत

बता दें कि 2 अगस्त को भारत और चीन की सेना के बीच कोर कमांडर स्तर की पांचवें दौर की बातचीत हुई थी, लेकिन इसका भी कोई नतीजा अभी तक नहीं निकला है। चीन ने पैंगोंग झील के पास ग्रीन टॉप से अपने सैनिक हटाने से इनकार कर दिया है। उल्टे चीन भारत की सेना को पीछे हटने को कह रहा है। भारत ने चीन से कई मौकों पर कहा है कि दोनों देशों के बीच संबंधों की बहाली के लिए उन्हें पूर्वी लद्दाख की गतिरोध वाली जगहों पहले की स्थिति में आना होगा। यानी जो जहां था, वह वहां चला जाए लेकिन चीन ने ऐसा नहीं किया।


चीन की धोखेबाज़ी

गलवान घाटी में 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। तभी से सीमा पर तनाव बढ़ गया है। क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए दोनों देशों की सेनाओं के शीर्ष सैन्य कमांडरों के बीच अब तक चार दौर की वार्ता हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना ने गलवान घाटी और टकराव के कुछ जगहों से अपनी सेना हटा ली है। लेकिन भारत ने पैंगोंग सो में फिंगर प्वाइंट्स से भी सेना को पीछे हटाने की मांग की है। इन क्षेत्रों से चीन ने अपनी सेना को वापस नहीं बुलाया है।


सीमा पर चौकसी

सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बृहस्पतिवार को तेजपुर स्थित चौथी कोर मुख्यालय का दौरा किया।अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की सैन्य तैयारियों की व्यापक स्तर पर समीक्षा की। भारतीय सेना और वायुसेना लद्दाख, उत्तरी सिक्किम, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ सभी क्षेत्रों में अलर्ट पर रहेगी। साथ ही जब तक चीन के साथ सीमा गतिरोध को लेकर 'संतोषजनक' समाधान सामने नहीं आता, तब तक उच्च स्तरीय सतर्कता बरती जाएगी। गतिरोध के मद्देनजर पिछले तीन सप्ताह में सेना प्रमुख ने 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा की देखदेख करने वाले वरिष्ठ कमांडरों के साथ लंबी एवं विस्तृत चर्चाएं की हैं।

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