देश / कांग्रेस को बाहर रखकर कुछ नया करने पर विचार कर रही हैं ममता बनर्जी: शिवसेना

Zoom News : Dec 05, 2021, 05:28 PM
मुंबई: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के द्वारा कांग्रेस को लेकर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना के मुखपत्र सामना ने शनिवार को कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) का नेता कौन होगा, यह तय करने से पहले विपक्ष को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ एकजुट होना चाहिए।

शिवसेना का यह बयान तब आया है जब प्रशांत किशोर ने यह कहकर कांग्रेस पर निशाना साधा कि उसका नेतृत्व किसी व्यक्ति का दैवीय अधिकार नहीं होता है। उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी पिछले 10 वर्षों में 90 प्रतिशत से अधिक चुनाव हार गई है।

संपादकीय में विपक्षी दलों से सत्ता में आने के लिए कांग्रेस के पीछे नहीं जाने का आग्रह किया गया। सामना ने कहा, "कांग्रेस अभी भी कई राज्यों में है। गोवा और पूर्वोत्तर राज्यों में कांग्रेस नेता तृणमूल में शामिल हो गए हैं और आप के साथ भी ऐसा ही है।" संपादकीय में यह भी कहा गया है कि यूपीए जैसा गठबंधन बनाने से भाजपा को ही मजबूती मिलेगी।

सामना ने सुझाव दिया, "कांग्रेस के नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नेतृत्व करना चाहिए और यूपीए को मजबूत करने के लिए आगे आना चाहिए।"

इस साल की शुरुआत में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में टीएमसी की प्रचंड जीत के बाद, ममता लगातार राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत विकल्प की वकालत कर रही हैं, लेकिन परोक्ष रूप से कांग्रेस को टक्कर दे रही हैं। मेघालय में कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा, जब उसके 17 में से 12 विधायक तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। टीएमसी राज्य का मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई।

टीएमसी में हाल की महीनों में कांग्रेस के कई बड़े नेता शामिल हुए हैं। गोवा में पूर्व मुख्यमंत्री लुइज़िन्हो फलेरियो सहित पार्टी नौ अन्य नेता भी टीएमसी में शामिल हो गए। इसके अलावा अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सुष्मिता देव, कीर्ति आजाद और हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर जैसे नाम कांग्रेस छोड़कर टीएमसी शामिल होने वालों में शुमार है।

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