US Elections 2020 / माइक्रोसॉफ्ट की चेतावनी- रूस, चीन और ईरानी हैकर्स के निशाने पर चुनाव

News18 : Sep 11, 2020, 08:33 AM
वॉशिंगटन। अमेरिकी टेक कंपनी माइक्रोसॉफ़्ट (Microsoft) ने एक चेतावनी जारी कर कहा है कि रूस, चीन और ईरान से संबंध रखने वाले हैकर्स अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति चुनाव (US Elections 2020) को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। कंपनी के मुताबिक, ये हैकर्स चुनावी प्रक्रिया से जुड़े लोगों और समूहों की जासूसी कर रहे हैं। माइक्रोसॉफ्ट का दावा है कि साल 2016 के राष्ट्रपति चुनावों में चुनाव प्रचार को प्रभावित करने वाले रूसी हैकर्स ग्रुप एक बार फिर से एक्टिव हो गए हैं।

BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक माइक्रोसॉफ़्ट ने एक बयान जारी कर कहा, 'यह बहुत साफ़ है कि विदेशी समूहों ने चुनाव को निशाना बनाने के लिए अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन दोनों के चुनाव प्रचार हैकर्स के निशाने पर हैं। बयान में कहा गया है कि स्ट्रॉन्टियम समूह से संबंधित रूसी हैकरों ने रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स से जुड़े हुए 200 से ज़्यादा संगठनों को निशाना बनाया है। बता दें कि स्ट्रॉन्टियम समूह को फ़ैन्सी बियर के नाम से भी जाना जाता है। यह साइबर हमला करने वाली एक यूनिट है जो कि कथित तौर पर रूसी सेना की ख़ुफ़िया एजेंसी जीआरयू से जुड़ी हुई है।


2016 जैसा ही अभियान शुरू हुआ

माइक्रोसॉफ़्ट के उपाध्यक्ष टॉम बर्ट ने कहा, 'जैसा कि हमलोगों ने 2016 में देखा था, ठीक उससे मिलता-जुलता स्ट्रॉन्टियम ने लोगों के लॉग-इन रिकॉर्ड तक पहुंचने के लिए या उनके अकाउंट को हैक करने के लिए एक अभियान की शुरुआत की है, अनुमान के मुताबिक़ उनके बारे में ख़ुफ़िया जानकारी जमा करने के लिए या फिर उनके ऑनलाइन ऑपरेशन को बाधित करने के लिए।'

कंपनी के मुताबिक़ चीनी हैकरों ने जो बिडेनके चुनावी प्रचार से जुड़े लोगों को व्यक्तिगत पर निशाना बनाना शुरू कर दिया है, जबकि ईरानी हैकर्स ट्रंप चुनाव प्रचार से जुड़े लोगों को निशाना बना रहे हैं। हालांकि माइक्रोसॉफ़्ट कंपनी का दावा है कि ज़्यादातर साइबर हमले अभी तक कामयाब नहीं हुए हैं।

माइक्रोसॉफ़्ट का कहना है कि चीनी हैकरों ने बिडेन के प्रचार से जुड़े लोगों के निजी ई-मेल अकाउंट और ट्रंप प्रशासन से जुड़े एक पूर्व प्रमुख अधिकारी के अकाउंट को निशाना बनाया है। ज़िरकोनियम के नाम से मशहूर चीनी हैकरों के समूह ने अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से जुड़े प्रमुख लोगों, शिक्षण संस्थानों और नीति बनाने वाली संस्थाओं से जुड़े लोगों को भी निशाना बनाया है। इसके आलावा फ़ॉस्फ़ोरस के नाम से मशहूर ईरानी हैकरों के समूह ने मई और जून के बीच व्हाइट हाउस के कुछ अधिकारियों और ट्रंप के चुनाव प्रचार से जुड़े कुछ अधिकारियों के अकाउंट तक पहुंचने की नाकाम कोशिश की थी।

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