वैक्सीनेशन / समय ही बताएगा: 'क्या अलग-अलग वैक्सीन्स की खुराकें दी जा सकती हैं?' सवाल पर पॉल

Zoom News : May 23, 2021, 07:36 AM
नई दिल्ली: कोरोना टीकाकरण में एक-दो ऐसे मामले भी सामने आए जिसमें एक व्यक्ति को पहली खुराक दूसरे टीके की और दूसरी खुराक किसी और टीके के लगे। अलग-अलग टीके लगने के बाद से यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस तरह से टीका लगाना सही है या नहीं। अब खुद सरकार ने बताया है कि क्या ऐसा किया जाना सही है या नहीं।

नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि एक व्यक्ति को पहली खुराक दूसरे टीके की और दूसरी खुराक किसी और टीके लगाना वैज्ञानिक और सैद्धांतिक रूप से यह संभव है लेकिन, यह तय करने में समय लगेगा कि क्या इसकी सिफारिश की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस बारे में ठोस प्रमाण नहीं है आने वाले समय में ही यह पता चल सकेगा। दरअसल, यूके के एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि विभिन्न प्रकार के टीकों की खुराक को मिलाना सुरक्षित है, लेकिन इसके कई दुष्प्रभाव होंगे, अध्ययन से पता चला है।

वीके पॉल ने कहा कि यह मुंमकीन है। लेकिन अध्ययन की आवश्यकता है। निश्चित रूप से यह नहीं कहा जा सकता है कि खुराक के मिश्रण का अभ्यास किया जा सकता है। कोई मजबूत वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। अब समय ही बताएगा कि भविष्य में ऐसा किया जाएगा या नहीं। यह अंतरराष्ट्रीय अध्ययन, विश्व स्वास्थ्य संगठन के निष्कर्षों आदि पर निर्भर करेगा। हमारे विशेषज्ञ भी लगातार अध्ययन कर रहे हैं।

कुछ अध्ययन में यह पाया गया है कि दो खुराकों को मिलाना सुरक्षित है। लगभग 2000 स्वयंसेवकों पर ऐसा ट्रायल भी किया गया है। जिसमें कुछ को पहली बार ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन की दी गई और दूसरा डोज फाइजर का दिया गया था, तो वहीं कुछ में मॉडर्ना और नोवावैक्स का टीका भी आजमाया गया था। हालांकि, यह ट्रायल इस उद्देश्य से नहीं किया गया था कि दो अलग-अलग खुराकों का मिश्रण कोरोना के खिलाफ प्रभावी है या नहीं। इसका उद्देश्य स्वयंसेवकों की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की जांच करना था।

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