बिज़नेस / जल्द 11 अंकों का होगा आपका मोबाइल नंबर, जानिए क्यों पड़ी इसकी जरूरत?

Live Hindustan : May 31, 2020, 01:12 PM
बिज़नेस डेस्क | दूरसंचार नियामक ट्राई ने मौजूदा मोबाइल में अंकों की संख्या को 10 से 11 करने का सुझाव दिया है। नियामक ने  नई सिफारिशें की है जिसके तहत लैंडलाइन और मोबाइल सेवाओं के लिए यूनिफाइड नंबरिंग प्लान भी शामिल है। इस सिफारिश के अनुसार लैंडलाइन से मोबाइल नंबर पर फोन करने से पहले शून्य लगाना अनिवार्य होगा।

ट्राई का कहना है कि मोबाइल नंबरों में अंकों की संख्या 11 हो जाएगी और नंबर की शुरुआत 9 अंक से होगी तो इससे करीब 10 अरब मोबाइल नंबर दिए जा सकते हैं। नियामक का कहना है कि यदि इसका 70 फीसदी उपयोग किया तो भी सात अरब मोबाइल नंबर उपलब्ध हो सकेंगे।

ट्राई ने सिफारिशों में डोंगल के लिए वितरित मोबाइल  नंबरों की संख्या को 13 अंकों में बदलने का भी सुझाव दिया गया है। नियामक ने लैंडलाइन के लिए भी सिफारिशें की हैं जिसके तहत फिक्स्ड लाइन नंबरों को दो या चार के सब-लेवल पर ले जाने का सुझाव दिया है।

क्यों पड़ी जरूरत

ट्राई ने पिछले साल सितंबर में इस मुद्दे पर लोगों से राय मांगी थी। नियामक का कहना है कि मौजूदा स्थिति में देश में टेलीकॉम कनेक्शन को लेकर लोगों की जरूरतों को पूरा करने में वर्ष 2050 तक का समय लगेगा। साथ ही 260 करोड़ अंकों की भी जरूरत होगी। इस वजह से ट्राई ने मोबाइल अंकों की संख्या में बढ़ोतरी की सिफारिश की है।

मौजूदा समय में देश के पास 9, 7 और 8 नंबर से शुरू होने वाले 10 अंकों के मोबाइल नंबर की क्षमता 210 करोड़ करेक्शन की है। जबकि 125 करोड़ के करीब मोबाइल कनेक्शन दिए जा चुके हैं।

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