AajTak : Apr 09, 2020, 04:52 PM
कोरोना अलर्ट: देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। मोदी सरकार कोरोना वायरस से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। अब कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन चरणों वाली रणनीति बनाई है।
केंद्र ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए राज्यों को पैकेज जारी किया है। इस पैकेज को इमरजेंसी रिस्पॉन्स एंड हेल्थ सिस्टम प्रेपेअरनेस पैकेज का नाम दिया गया है। ये पैकेज 100% केंद्र की ओर से फंडेड है। केंद्र का अनुमान है कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लंबी चलेगी। वहीं राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजी गई चिट्ठी के मुताबिक प्रोजेक्ट के तीन चरण हैं-
पहला चरण- जनवरी 2020 से जून 2020
दूसरा चरण-जुलाई 2020 से मार्च 2021
तीसरा चरण-अप्रैल 2021 से मार्च 2024
पहले चरण में Covid-19 अस्पताल विकसित करने, आइसोलेशन ब्लॉक बनाने, वेंटिलेटर की सुविधा के ICU बनाने, PPEs (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स)- N95 मास्क- वेंटिलेटर्स की उपलब्धता पर फोकस रहेगा
लैब नेटवर्क्स और डायग्नोस्टिक सुविधाएं बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। साथ ही फंड का इस्तेमाल सर्विलांस, महामारी के खिलाफ जागरूकता जगाने में भी किया जाएगा। फंड का एक हिस्सा अस्पतालों, सरकारी दफ्तरों, जनसुविधाओं और एम्बुलेंस को संक्रमण रहित बनाने पर भी खर्च किया जाएगा।
ये प्रोजेक्ट केंद्र और राज्यों से कई दौर के संवाद के बाद सामने आया है। राज्य सरकारों की ओर से Covid-19 महामारी से लड़ने के लिए केंद्र से स्पेशल पैकेज की लगातार मांग की जा रही है। ये मुद्दा प्रधानमंत्री की राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत के दौरान भी उठा।
दूसरे और तीसरे चरण में क्या-क्या किया जाएगा, इसका खुलासा होना अभी बाकी है। इसके लिए बहुत कुछ तब की स्थिति विशेष पर निर्भर करेगा।
केंद्र ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए राज्यों को पैकेज जारी किया है। इस पैकेज को इमरजेंसी रिस्पॉन्स एंड हेल्थ सिस्टम प्रेपेअरनेस पैकेज का नाम दिया गया है। ये पैकेज 100% केंद्र की ओर से फंडेड है। केंद्र का अनुमान है कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लंबी चलेगी। वहीं राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजी गई चिट्ठी के मुताबिक प्रोजेक्ट के तीन चरण हैं-
पहला चरण- जनवरी 2020 से जून 2020
दूसरा चरण-जुलाई 2020 से मार्च 2021
तीसरा चरण-अप्रैल 2021 से मार्च 2024
पहले चरण में Covid-19 अस्पताल विकसित करने, आइसोलेशन ब्लॉक बनाने, वेंटिलेटर की सुविधा के ICU बनाने, PPEs (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स)- N95 मास्क- वेंटिलेटर्स की उपलब्धता पर फोकस रहेगा
लैब नेटवर्क्स और डायग्नोस्टिक सुविधाएं बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। साथ ही फंड का इस्तेमाल सर्विलांस, महामारी के खिलाफ जागरूकता जगाने में भी किया जाएगा। फंड का एक हिस्सा अस्पतालों, सरकारी दफ्तरों, जनसुविधाओं और एम्बुलेंस को संक्रमण रहित बनाने पर भी खर्च किया जाएगा।
ये प्रोजेक्ट केंद्र और राज्यों से कई दौर के संवाद के बाद सामने आया है। राज्य सरकारों की ओर से Covid-19 महामारी से लड़ने के लिए केंद्र से स्पेशल पैकेज की लगातार मांग की जा रही है। ये मुद्दा प्रधानमंत्री की राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत के दौरान भी उठा।
दूसरे और तीसरे चरण में क्या-क्या किया जाएगा, इसका खुलासा होना अभी बाकी है। इसके लिए बहुत कुछ तब की स्थिति विशेष पर निर्भर करेगा।