देश / मूडीज का अनुमान: इस साल शून्य रह सकती है भारत की GDP ग्रोथ

Live Hindustan : May 08, 2020, 04:53 PM
दिल्ली: मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर शून्य प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारत को लॉकडाउन के चलते बड़ी गिरावट झेलनी पड़ेगी। वित्तवर्ष 2020-21 में भारत की ग्रोथ जीरो पर ठहर सकती है, लेकिन 2022 में तेजी से वापसी करेगी। हालांकि मूडीज ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ी उम्मीद जताते हुए कहा कि 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था की जीडीपी ग्रोथ 6.6 फीसदी तक रह सकती है।

यदि ऐसा होता है तो भारत को मंदी के संकट से निकलने में बड़ी मदद मिलेगी। मूडीज ने राजकोषीय घाटे के भी 5.5 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया है। इससे पहले बजट में भारत के वित्त मंत्री ने 3.5 फीसदी के घाटे की बात कही थी। एजेंसी ने कहा कि कोरोना के संकट के चलते भारत पूरी तरह से थम गया है और इस साल इसका असर देखने को मिलेगा। बता दें कि मूडीज ने कोरोना के संकट से पहले ही बीते साल नवंबर महीने में भारत को स्टेबल यानी स्थित अर्थव्यवस्था से हटाकर निगेटिव में डाल दिया था। तब एजेंसी ने कहा था कि वह आगे भी भारत की आर्थिक ग्रोथ पर नजर बनाए रखेगी।

गहरे संकट में जा सकती है भारत की अर्थव्यवस्था

मूडीज ने अपने अनुमान को लेकर  भारतीय अर्थव्यवस्था के सिमटने के कारण बताते हुए कहा कि कोविड -19 का तेजी से प्रसार, वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण में गिरावट, तेल की कीमतें गिरना और वित्तीय बाजार में उथल-पुथल भारी संकट पैदा कर रहा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में लंबे समय से चल रहे आर्थिक संकट, नौकरियों के सृजन में कमी और अब एनबीएफसी के नकदी संकट में घिरने के चलते भारत की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में जा सकती है। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी ने कहा कि केंद्र सरकार के घाटे के लक्ष्य, राज्य स्तर के घाटे का विस्तार, माल और सेवा कर को लागू करने में चुनौतियों से लगातार फिसलन यह दर्शाती है कि राजकोषीय नीति निर्धारण "कम प्रभावी" रहा है।


अन्य एजेंसियों ने भी घटाया अनुमान

बता दें अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक सहित कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने COVID-19 महामारी से उपजे संकट को लेकर भारत के विकास के पूर्वानुमान में कटौती की है। आईएमएफ ने 2020 में भारत की अनुमानित जीडीपी वृद्धि 5.8 प्रतिशत से घटाकर 1.9 प्रतिशत कर दिया है। इसी तरह विश्व बैंक ने 2020-21 में भारत की अर्थव्यवस्था को 1.5 से 2.8 प्रतिशत के बीच बढ़ने का अनुमान लगाया है। फिच ने भारत की जीडीपी को इस वित्त वर्ष में 0.8 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान लगाया है, जबकि एसएंडपी ने भारत के लिए जीडीपी की वृद्धि चालू वित्त वर्ष में 1.8 प्रतिशत की दर से बढ़ाई है।

अभी कुछ दिन पहले मूडीज ने कैलेंडर वर्ष 2020 के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को घटाकर 0.2 प्रतिशत कर दिया था, जबकि मार्च में उसने इसके 2.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई थी। मूडीज को यह भी  उम्मीद थी कि 2021 में भारत की वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रह सकती है। मूडीज ने ‘ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2020-21 (अप्रैल 2020 में अपडेट)’ में 2020 के दौरान जी20 देशों की अर्थव्यवस्था में 5.8 प्रतिशत संकुचन का अनुमान लगाया था। यहां तक कि सुधार के बाद भी ज्यादातर अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि दर कोरोना वायरस महामारी से पहले वाले स्तर के मुकाबले कम रहने का अनुमान है। मूडीज ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था के बंद होने की आर्थिक लागत तेजी से बढ़ रही है। 

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