देश / दिल्ली में हिंसा के बाद दो सौ से अधिक दहशतजदा परिवार छोड़ गए अपना घर

AMAR UJALA : Feb 29, 2020, 07:45 AM
नई दिल्ली | शुक्रवार को चांदबाग से लेकर करावल नगर तक का माहौल शांतिपूर्ण था, लेकिन तनाव दोनों ओर बरकरार है। दोनों ही पक्ष एक दूसरे को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। 24 फरवरी को चांदबाग में शुरू हुई हिंसा ने दो दिन तक क्षेत्र के लोगों को भय में रखा। चांदबाग, मुस्तफाबाद, भजनपुरा, मूंगानगर, शेरपुर चौक, चंदूनगर,ब्रजपुरी, दयालपुर, शेरपुर, खजूरी में भय इतना है कि यहां से लोगों का जाना जारी है। अब तक दो सौ से अधिक परिवार यहां से जा चुके हैं। 

चांदबाग के मुस्तफा, इलियास, चंदूनगर से हरीश, देवेद्र, खजूरी ये अलीमुद्दीन, मूंगानगर से श्याम का परिवार गांव की ओर कूच कर चुका है। घरों में या तो ताला लगा है या फिर इक्का दुक्का लोग ही यहां मौजूद है। लोगों का कहना है की ऐसा डर का मंजर आज तक नहीं देखा और पता नहीं कब क्या हो जाए। परिवार की जान बचाने के लिए उन्हें यहां से भेज दिया गया। चंदूनगर में हिंदू परिवारों के घरों पर ताले लटके हैं, तो चंदूनगर मस्जिद के पास मुस्लिम परिवार सुरक्षित ठिकानों की ओर जा चुके हैं। 

शुक्त्रस्वार को जब थोड़ा माहौल सही हुआ,तो कई परिवार सामान समेत यहां से जाते देखे गए। लोगों को अब भी डर है कि कहीं कुछ अनहोनी न हो जाए। खजूरी से जा रहे आगरा के महेंद्र से जब हमने पूछा कि क्यों जा रहे हो तो उनहोंने बताया कि वो यहां भजनपुरा में एक कपड़े की दुकान पर काम करते हैं। अब इसलिए जा रहे हैं कि माहौल सही नहीं है। 

दो महीने के लिए घर जा रहे हैं अगर माहौल सही हुआ तो लौटेंगे, वरना कहीं ओर नौकरी तलाश लेंगे। वहीं शेरपुर चौके के पास किराये पर रहने वाले अजहर भी परिवार समेत जा रहे थे। पूछा तो बताया कि संभल के रहने वाले हैं और यहां रहकर एफसीआई में दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। उपद्रवियों से घर फूंक दिया है, तो अब यहां रुकने का कोई मतलब ही नहीं है। अगर हालात सामान्य हुए तो देखा जाएगा, लेकिन अब दिल्ली से मन ऊब गया है।

मैं तो जिंदगी बचाने का काम करता हूं मेरी क्या गलती है

चांदबाग की पुलिया के पास फैजान की आयुर्वेदिक दवा की दुकान है। फैजान की दुकान को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया गया। फैजान चंदूनगर में रहते हैं। जब उन्हें दुकान में आग लगने की सूचना मिली, तो वो मौके पर पहुंच गए और पुलिसकर्मियों से आग बुझाने की गुहार लगाते रहे, लेकिन आरोप है कि किसी ने नहीं सुनी।

उनकी दुकान जलती रही और पुलिस देखती रही। फैजान का कहना है कि जब सोमवार देर रात दुकान चल रही थी तो स्थानीय विधायक हाजी यूनूस  दौरा करने आए थे उन्होंने उनसे की भी याचना की ,फायर ब्रिगेड कर्मियों से भी गुहार लगाई लेकिन किसी ने नहीं सुनी। दुकान में आग से करीब एक करोड़ का नुकसान हुआ है।

फैजान का कहना है कि हिंदू हो या मुस्लिम वो तो सभी की जिंदगी बचाने की दुकान चलाते थे, उनका क्या कुसूर था। एक-एक पाई जोड़कर दुकान बनाई थी। दुकान जलने के साथ-साथ उनके सपने भी जल गए और वो अब कैसे जिंदगी बिताएंगे। फैजान का कहना है कि आजतक उन्होंने अपनों या गैरों से कभी बेअदबी से बात नहीं की, लेकिन उन्मादी भीड़ ने उनको कहीं का भी नहीं छोड़ा।

बर्बादी की कई दास्तान

खजूरी खास की गली नंबर 5 और उसके आसपास की गलियों में उपद्रवियों ने करीब बीस मकानों को पूरी तरह जला दिया है। एक धार्मिक स्थल को भी आग के हवाले किया गया है। मकानों से अब भी रुक-रुककर धुआं उठ रहा है। इस धुएं और जले मकानों के बीच इलियास अब भी जले हुए घर में उम्मीद तलाश रहे हैं।

मार्च में इलियास की बेटी की शादी है। इलियास ने शादी का सारा सामान एकत्र कर लिया था और घर में करीब तीन लाख कैश भी रखा हुआ था। उपद्रवी लूटपाट कर सामान भी ले गए हैं। इसी गली में रहने वाले अलीमुद्दीन के घर को भी आग लगा दी गई है। वो बदहवास यहां अपने सपनों और घर को जलाए जाने से परेशान घूम रहे हैं। बीएसएफ के जवान मो. अनस के घर को भी उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया है।

यहां रहने वाले अन्य लोगों के मकानों को भी आग के हवाले किया गया है। लेकिन दहशत इतनी है कि लोग अब भी अपने जले हुए घरों की ओर इसलिए नहीं आ रहे कि उन्हें डर है कि कहीं उनको भी न निशाना बना दिया जाए। मूंगानगर में रहने वाले श्याम यहां पार्षद ताहिर हुसैन की फैक्ट्री के ठीक सामने चाय की दुकान जलाते हैं। उपद्रवियों ने उनकी दुकान को भी आग के हवाले कर दिया है। वो रहम की भीख मांगते रहे, लेकिन किसी को दिल नहीं पसीजा और दुकान जला दी गई।

यहीं अशोक की फर्नीचर की दुकान को आग के हवाले किया गया। यहां रखी लोहे की अलमारियों को उपद्रवियों ने ढाल की तरह इस्तेमाल करने के लिए बाहर निकाल लिया और उसकी आड़ से पथराव और आगजनी करते रहे। भाजपा नेता महक सिंह की इमारत में खड़ी चालीस गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया।

यहां मूंगानगर के रहने वाले लोकेन्द्र की लड़की की शादी थी, महक सिंह की इमारत में हलवाई सामान बना रहे थे, उन्हें मारा गया और बने हुए लड्डू, रसगुल्ले और रखा खाने का सामान तहस-नहस कर दिया गया। पार्षद ताहिर हुसैन की बिल्डिंग से फेंका गया पेट्रोल बम पास की संसार सिंह की बिल्डिंग में गया और यहां हसरत का कारखाना जल गया। नीचे एक केमिस्ट की दुकान जल गई।

सतपाल की सेनेट्री की दुकान को जला दिया गया और लूटा गया। सुभाष के घर को जला दिया गया। खजूरी खास में मुस्कान की दुकान को आग के हवाले कर दिया गया। यहीं उपद्रवियों ने विजय कुमार की नेशनल फुटवियर एंड अंडा स्टोर में तोड़फोड की। पास के ही एक होटल को भी जला दिया गया।

चंदूनगर में वासिल के होटल को आग के हवाले किया गया। नाज एयरकं?डिशन को भी उपद्रवियों ने लूटकर जला दिया। इसी तरह हीरो के शोरूम अमन मोटर्स में सौ बाइकों को फूंका गया और शोरूम पूरी तरह जला दिया गया। इमरान, फैज की खोखे चले और ऐसे कई अनाम प्रतिष्ठान और मकान भी है, जो जले तो हैं, लेकिन उनके मालिक सामने आने से बच रहे हैं।

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