Coronavirus / भारत में ज्यादातर कोरोना वायरस यूरोप से आने वाले यात्री लेकर आए: रिसर्च

News18 : Aug 02, 2020, 07:25 AM
नई दिल्ली। दुनिया भर में इन दिनों कोरोना वायरस (Coronavirus) पर लगातार रिसर्च का काम चल रहा है। वैज्ञानिक ये पता लगाने की कोशिश में जुटे हैं कि आखिर कोरोना कितना खतरनाक है या फिर वो मरीज़ों पर कितना ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है। इस साल फरवरी में वैज्ञानिकों ने कोरोना के इस नए वैरिएंट को SARS-CoV-2 का साइंटिफिक नाम दिया था। कहा जा रहा है कि भारत में ज्यादातर कोरोना के वैरिएंट यूरोप (Europe) से यात्री लेकर पहुंचे और इसी का प्रभाव देश में सबसे ज्यादा है। बता दें कि वैसे तो कोरोना की शुरुआत चीन के वुहान से हुई थी लेकिन अलग-अलग देशों में पहुंचने के बाद इस वायरस ने अपने रंग बदले।


अध्ययन में और क्या पता चला?

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक शनिवार को डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी की तरफ से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के सामने एक रिपोर्ट रखी गई। इसमें कहा गया है कि भारत में कोरोना के ज्यादातर स्ट्रेन यूरोप और साऊदी अरब से आए। हालांकि जनवरी के शुरुआत में भारत में कोरोना के कुछ वैरिएंट चीन से भी आए थे। अध्ययन में ये भी पाया गया कि SARS-Cov-2 की D164G जीन वैरिएंट में अब थोड़ी कमी आ रही है। ये वैरिएंट ज्यादातर दिल्ली में है और यही वजह है कि यहां कोरोना के ट्रांसमिशन में गिरावट आ रही है।


 लॉकडाउन का हुआ फायदा

वैज्ञानिकों ने भी दावा किया है कि देश भर में लॉकडाउन का काफी ज्यादा फायदा हुआ है। खासकर मार्च और मई के बीच लॉकडाउन के चलते कोरोना वायरस फैल नहीं सका। दरअसल इस दौरान देश भर में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ाने बंद थी। ऐसे में कोरोना के अलग-एलग वैरिएंट देश में नहीं फैल सका। वैज्ञानिकों ने ये भी दावा किया है कि भारत जैसे बड़े देश में कोरोना अलग-अलग तरीके से लोगों पर असर कर रहा है।


मौत की दर में कमी

बता दें कि देश में कोविड-19 से अब तक ठीक हुए लोगों की संख्या बढ़ कर 11 लाख पहुंच गई है, वहीं इस महामारी से होने वाली मृत्यु की दर 2.15 फीसदी पर पहुंच गई है। जबकि जून में ये आंकड़ा 3.33 प्रतिशत था। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि मार्च में लॉकडाउन का पहला फेज लागू किये जाने के बाद से देश में कोविड-19 की मृत्यु दर पहली बार इतनी कम हुई है। भारत अभी भी कोविड-19 मृत्यु दर को सबसे कम स्तर पर बनाए हुए है।


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