Vikrant Shekhawat : Jun 29, 2021, 11:23 AM
भोपाल: मध्य प्रदेश ने 21 जून को 17.42 लाख COVID-19 टीके लगाकर एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने का दावा किया, लेकिन अब इसपर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, मध्य प्रदेश में कोरोना टीकाकरण में गड़बड़ी की कई शिकायतें सामने आ रही हैं। हाल ये है कि 13 साल के एक लड़के को वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है। जबकि भारत सरकार ने 18 साल से कम आयुवर्ग के लोगों को कोरोना टीका लगवाने की अनुमति अभी तक दी ही नहीं है।13 साल के बच्चे को जारी किया वैक्सीन सर्टिफिकेटभोपाल के टीला जमालपुरा के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाले रजत डांगरे ने मीडिया को बताया कि वे सरकार की ओर से आए एक मैसेज को देखकर हैरान रह गए। बीते 21 जून की शाम को उन्हें एक मैसेज आया। सरकार की ओर से आए इस मैसेज में कहा गया था कि उनके दिव्यांग बेटे वेदांत को कोरोना टीका लगा दिया गया है। मैसेज में वेदांत की उम्र 56 साल बताई गई थी, जबकि उनका बेटा तो केवल 13 साल का है।पेंशन के लिए दिए डॉक्युमेंट्स का किया इस्तेमाल वेदांत के पिता रजत ने आगे बताया कि मैंने इसकी शिकायत करने की कोशिश की, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। जब मैंने लिंक के जरिए सर्टिफिकेट डाउनलोड किया, तो पता लगा कि इसमें वेदांत के उन डॉक्युमेंट्स का इस्तेमाल किया गया है, जो कुछ दिन पहले नगर निगम को उसकी पेंशन (विशेष जरूरत वाले व्यक्ति के रूप में) के लिए जमा किए गए थे।बिना टीके के आ रहे मैसेजवेदांत की ही तरह सतना के चैनेंद्र पांडे को पांच मिनट के भीतर तीन मैसेज मिले, जिसमें कहा गया था कि तीन लोगों को कटिकराम, कालिंद्री और चंदन - को टीका लगाया गया है। जबकि चैनेन्द्र तीनों में से किसी को भी नहीं जानते। इसी तरह भोपाल के पीजीबीटी कॉलेज रोड की रहने वाली 46 वर्षीय नुजहत सलीम को भी 21 जून को टीका लगवाने का मैसेज मिला था, जबकि नुजहत ने टीका लगवाया ही नहीं है। वह पेंशनभोगी नहीं हैं, लेकिन उनकी पहचान के सबूत के तौर पर पेंशन के दस्तावेज दर्ज हैं।