AajTak : Sep 21, 2020, 09:16 PM
नई दिल्ली | संसद के मानसून सत्र की पूरी कार्यवाही से आठ सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। इसके बाद निलंबित सांसद संसद में गांधी प्रतिमा के आगे धरना दे रहे हैं। निलंबति सांसदों का कहना है कि वो पूरी रात धरना देंगे और तब तक धरना देंगे जब तक निलंबन वापस नहीं लिया जाता। निलंबित सांसद लगातार संसद की कार्यवाही से निलंबन के फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।वहीं धरने पर बैठे सांसद रातभर धरना देंगे। निलंबन को लेकर कल राज्यसभा में फैसला होगा। उस पर आगे की कार्यवाही निर्भर होगी। वहीं आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह का कहना है कि कल राज्यसभा में हमारा सस्पेंशन रिबोक होता है या नहीं, इस पर निर्भर करेगा कि हमारा धरना कब तक चलेगा।वहीं धरने पर समर्थन देने कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह बिल किसान को बर्बाद करने वाला है। किसान विरोधी है। जबरदस्ती यह बिल राज्यसभा में पास करवाया गया है। डिवीजन मांगा गया था लेकिन डिवीजन नहीं कराया। अगर एक आदमी भी डिवीजन मांगता है तो डिविजन करवाया जाता है। हालांकि इसको ऐसे ही पास कर दिया, जबकि राज्यसभा में बहुमत इस बिल के खिलाफ था।आजाद ने कहा कि हाउस को अगर एक बजे के बाद बढ़ाना था तो हाउस का सेंस लिया जाता है। हाउस का सेंस यह था कि हाउस नहीं बढ़ाना चाहिए लेकिन उसके बाद भी हाउस बढ़ाया गया। जो सांसद रूल बता रहे थे, प्रक्रिया बता रहे थे, परंपरा बता रहे थे उन्हीं को सदन से निकाल दिया गया। आजाद ने सफाई देते हुए कहा कि सांसदों ने किसी को हाथ नहीं लगाया। न उपसभापति को और न ही मार्शल को। किसी को भी उन्होंने हाथ नहीं लगाया।