देश / खराब रिश्तों के बीच पीएम मोदी का जिनपिंग और इमरान से होगा सामना

Zoom News : Oct 19, 2020, 03:02 PM
नई दिल्ली | सीमा पर कशमकश जारी है। चीन और पाकिस्तान से खराब चल रहे रिश्तों के बीच प्रधानममंत्री नरेंद्र मोदी की इन दोनों देशों के प्रमुख नेताओं से मुलाकात हो सकती है। मिली जानकारी के मुताबिक यह मुलाकात 'शंघाई सहयोग संगठन' (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान हो सकती है। 

रूस एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी वर्चुअल माध्यम से करने जा रहा है। भारतीय अधिकारियों ने बताया है कि इस सम्मेलन का आयोजन 10 नवंबर को किया जाएगा। वहीं, इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी शामिल हो रहे हैं। माना जा रहा है कि इस सम्मेलन में पीएम मोदी की मुलाकात जिनपिंग और इमरान से हो सकती है। 

एससीओ शिखर सम्मेलन भारत के लिए सुरक्षा और अन्य राजनीतिक मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ आतंकवाद जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखने एक महत्वपूर्ण मंच है। वहीं, मई महीने से सीमा पर जारी तनाव के बीच इस शिखर सम्मेलन में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आमने-सामने होंगे। 

भारत-चीन के बीच मध्यस्थता नहीं करेगा रूस

वहीं, इस सप्ताह भारत और चीन सीमा पर जारी विवाद को हल करने के लिए आठवीं बार सैन्य स्तर की वार्ता कर सकते हैं। हालांकि, पिछले सात दौर की वार्ताओं के बाद भी दोनों देश सीमा विवाद को सुलझाने के लिए किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं। दूसरी तरफ, रूस ने इस बात खंडन कर दिया है कि वह भारत-चीन के बीच मध्यस्थता कराना चाह रहा है। रूस ने इस बात पर जोर दिया है कि एससीओ फोरम का उपयोग हमेशा सदस्य देशों द्वारा आपसी भरोसे और विश्वास को बनाने के लिए किया जा सकता है।  

आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरेंगे पीएम मोदी

इस बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी मौजूद रहने वाले हैं। ऐसे में पीएम मोदी एक बार फिर से सीमा पार आतंकवाद फैलाने को लेकर पाकिस्तान को घेर सकते हैं। मोदी आतंकवादियों को सहायता, समर्थन और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए भी इस्लामाबाद पर हमला बोल सकते हैं। गौरतलब है कि भारत को खुद नवंबर के अंत में एससीओ प्रमुखों की बैठक की मेजबानी करनी है। सरकार ने पहले ही कहा है कि वह इस बैठक में इमरान खान को आमंत्रित करेगी। हालांकि, सरकार को अभी यह तय करना है कि बैठक का आयोजन शारीरिक रूप से क्या जाएगा या आभासी माध्यम में। 

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