Zoom News : Sep 18, 2020, 11:33 PM
- देश में 16 कोविड-19 जैव-भंडारों के नेटवर्क की स्थापना की गई है
- अखिल भारतीय 1000 सार्स-कोव-2 आरएनए जीनोम अनुक्रमण सफलतापूर्वक कर लिया गया है
ये अनुक्रमण पूरे विश्व में अनुसंधानकर्ताओं द्वारा प्रयोग किए जाने के लिए ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग ऑल इंडिया इंफ्लुएंजा डाटा पर अपलोड किए गए हैं। ये अनुक्रमण ‘अखिल भारतीय 1000 सार्स-कोव-2 आरएनए जीनोम अनुक्रमण संघ’ के तहत अपलोड किए गए हैं। जीआईएसएआईडी वेबसाइट का लिंक https://www.gisaid.org. है। अब ये अनुसंधानकर्ताओं के उपयोग के लिए उपलब्ध हैं।
राष्ट्रीय तौर पर, उद्योग और शैक्षणिक समुदाय द्वारा लगभग 30 वैक्सीन कैंडीडेट विकासाधीन है। ये वैक्सीन पूर्व-नैदानिक और नैदानिक विकास के विभिन्न चरणों में है जिसमें से 3 कैंडीडेट चरण I/II/III परीक्षण के अग्रिम चरण में और 4 अग्रिम पूर्व-नैदानिक विकास चरण में हैं। वैक्सीन संबंधी अनुसंधान संसाधनों, नैदानिक परीक्षण साइटों की स्थापना और समर्थ विनियामक दिशा-निर्देश अधिसूचित करने के लिए सहायता प्रदान की जा रही है।
वैक्सीन वितरण और प्रतिरक्षण से संबंधित मामलों की जांच एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समूह द्वारा की जा रही है। कोरोना वायरस वैक्सीन का वितरण और प्रतिरक्षण उपलब्धता पर निर्भर करता है। एक बार उपलब्ध होने पर, कोरोना वायरस वैक्सीन वितरण के लिए सर्वव्यापी प्रतिरक्षण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत वैक्सीन वितरण की वर्तमान कार्यप्रणाली में अपनाए जाने वाले क्रम का अनुकरण किया जाएगा।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री और पृथ्वी विज्ञान मंत्री, डा. हर्ष वर्धन ने आज लोक सभा में एक लिखित जवाब के माध्यम से यह जानकारी दी।