COVID-19 Update / भारत में डेल्टा का नया खतरनाक रूप, वैज्ञानिकों ने किया आगाह

Zoom News : Jun 14, 2021, 04:02 PM
Delhi: भारत में कोविड-19 के ज्यादा संक्रामक वेरिएंट डेल्टा के नए रूप का पता चला है। इसे  AY।1 या डेल्टा+ नाम दिया गया है। इसे डेल्टा प्लस से भी ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, ऐसा माना जा रहा है कि ये वैरिएंट मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल दवा के प्रभाव को कम कर सकता है, जो कोरोना के खिलाफ एक कारगर दवा मानी जा रही है।

भारत में पहली बार दर्ज किया गया डेल्टा वैरिएंट लोगों के लिए विनाशकारी साबित हुआ है। ऐसा माना जा रहा है कि डेल्टा वैरिएंट ने एक बार फिर जेनेटिक म्यूटेशन करने के बाद AY।1 या डेल्टा+ नामक म्यूटेंट में खुद को बदल लिया है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, ये  AY।1 या डेल्टा+ नामक वैरिएंट मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल दवा के प्रभाव को कम करके कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के लिए और ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।

यूके सरकार के स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल विभाग की एक कार्यकारी एजेंसी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के अनुसार, ग्लोबल साइंस इनिशिएटिव GISAID पर अब तक नए K417N म्यूटेशन के साथ डेल्टा (B.1.617.2) के 63 जीनोम की पहचान की गई है। पिछले शुक्रवार तक अपडेट किए गए कोविड-19 वैरिएंट पर अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 7 जून तक डेल्टा+ के 6 मामले दर्ज किए गए थे।

दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के चिकित्सक और कम्प्यूटेशनल बायोलॉजिस्ट डॉ विनोद स्कारिया ने कहा कि K417N के बारे में सबसे अहम बात है कि ये म्यूटेंट "मोनोक्लोनल एंटीबॉडी Casirivimab और Imdevimab को भी बेअसर कर सकते हैं। सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन के आदेशानुसार, देश में कोविड-19 के इलाज में इस कॉकटेल के इमरजेंसी यूज के इस्तेमाल को मंजूरी मिली हुई है।

स्कारिया ने रविवार को ट्वीट करते हुए कहा कि मौजूदा वैरिएंट्स में से डेल्टा+ (B.1.617.2)) को K417N म्यूटेशन के द्वारा प्राप्त किया गया है। ये K417N म्यूटेसन रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन और इम्यून एस्केप से जुड़ा हुआ है यानी ये मानव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता से बच निकलने में सक्षम है। भारत में K417N म्यूटेशन की वेरिएंट फ्रीक्वेंसी बहुत कम है। डॉक्टर स्कारिया ने नए म्यूटेंट का नाम डेल्टा+ देते हुए लिखा कि जैसे-जैसे नए म्यूटेशन्स होंगे ये डेल्टा विकसित होता रहेगा, ये समझना चुनौतीपूर्ण होगा।

पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की रिपोर्ट के अनुसार, डेल्टा-AY।1 संस्करण डेल्टा में होने वाले बदलावों की नियमित स्कैनिंग के माध्यम से पाया गया था। इस रिपोर्ट के अनुसार, बहुत कम संख्या में ज्ञात सीक्वेंसों ने स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन K417N प्राप्त कर लिया था। वैज्ञानिकों ने इस तरह के सबसे पुराने सीक्वेसिंग का श्रेय मार्च के अंत में यूरोप को दिया था। स्कारिया ने कहा कि यूरोप, एशिया और अमेरिका के 127 सीक्वेंस अब पब्लिक डोमेन में मौजूद हैं। स्कारिया ने कहा कि दुनिया भर में मौजूद कई जीनोम AY।1 या B.1.617.2 परिवार का हिस्सा थे।

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