AajTak : Apr 15, 2020, 04:03 PM
कोरोना वायरस को लेकर हर हफ्ते एक नई थ्योरी आ रही है। ये तो पक्का है कि कोरोना वायरस चमगादड़ों में पाया जाता है। लेकिन, अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि कोरोना वायरस कि जीव से इंसान में आया। अब एक नई स्टडी सामने आई है, जिसमें कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस चमगादड़ से कुत्ते में आई। फिर कुत्ते से इंसानों। आइए जानते हैं कि इस नई स्टडी में और क्या-क्या कहा गया है।
कोरोना वायरस कोविड-19 यानी SARS-CoV-2 से पहले भी दो और कोरोना वायरस ने इंसानों को अपना शिकार बनाया था। ये थे SARS-CoV और MERS-CoV। ये वायरस भी चमगादड़ों से निकलकर किसी अन्य जानवरों से होते हुए इंसानों में पहुंचे थे।SARS-CoV वायरस चमगादड़ से छोटी लोमड़ी जैसे जीव सिवेट्स से इंसानों में पहुंचा था। जबकि, MERS-CoV वायरस से चमगादड़ से ऊंट के जरिए इंसानों को शिकार बनाया था। अब यह नई स्टडी कह रही है कि वायरस कई बार ऐसे जीवों के जरिए भी इंसानों को शिकार बनाता है। जो उसके आसपास अधिकता में पाए जाते हैं।फरवरी में हुई एक प्रारंभिक स्टडी में वैज्ञानिकों ने बताया था कि SARS-CoV-2 यानी कोविड-19 चमगादड़ों से होते हुए चीटीं खाने वाले जीव पैंगोलिन में आया। इसके बाद पैंगोलिन से इंसानों में प्रवेश कर गया। हालांकि, बाद में इस थ्योरी से कुछ वैज्ञानिक सहमत नहीं थे।
कनाडा के ओटावा यूनिवर्सिटी में बायोलॉजी प्रोफेसर जुहुआ जिया ने अपनी तरफ से कोरोना वायरस के संक्रमण पर अध्ययन शुरू किया। 14 अप्रैल को उनकी एनालिसिस मॉलीक्यूलर बायोलॉजी एंड एवोल्यूशन में प्रकाशित हुई।
कोरोना वायरस कोविड-19 यानी SARS-CoV-2 से पहले भी दो और कोरोना वायरस ने इंसानों को अपना शिकार बनाया था। ये थे SARS-CoV और MERS-CoV। ये वायरस भी चमगादड़ों से निकलकर किसी अन्य जानवरों से होते हुए इंसानों में पहुंचे थे।SARS-CoV वायरस चमगादड़ से छोटी लोमड़ी जैसे जीव सिवेट्स से इंसानों में पहुंचा था। जबकि, MERS-CoV वायरस से चमगादड़ से ऊंट के जरिए इंसानों को शिकार बनाया था। अब यह नई स्टडी कह रही है कि वायरस कई बार ऐसे जीवों के जरिए भी इंसानों को शिकार बनाता है। जो उसके आसपास अधिकता में पाए जाते हैं।फरवरी में हुई एक प्रारंभिक स्टडी में वैज्ञानिकों ने बताया था कि SARS-CoV-2 यानी कोविड-19 चमगादड़ों से होते हुए चीटीं खाने वाले जीव पैंगोलिन में आया। इसके बाद पैंगोलिन से इंसानों में प्रवेश कर गया। हालांकि, बाद में इस थ्योरी से कुछ वैज्ञानिक सहमत नहीं थे।
कनाडा के ओटावा यूनिवर्सिटी में बायोलॉजी प्रोफेसर जुहुआ जिया ने अपनी तरफ से कोरोना वायरस के संक्रमण पर अध्ययन शुरू किया। 14 अप्रैल को उनकी एनालिसिस मॉलीक्यूलर बायोलॉजी एंड एवोल्यूशन में प्रकाशित हुई।
इस एनालिसिस में प्रो। जुहुआ जिया ने कहा है कि कोरोना वायरस चमगादड़ों से निकलकर कुत्तों से होते हुए इंसानों में पहुंचा है। जिया ने अपने विश्लेषण में बताया है कि इंसानों के शरीर में एक प्रोटीन होता है जिसे जिंक फिंगर एंटीवायरल प्रोटीन जैप (ZAP) कहते हैं।जैप जैसे ही कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड साइट CpG को देखता है। उसपर हमला करता है। यहीं पर वायरस अपना काम शुरू करता है और वह इंसान के शरीर में मौजूद कमजोर कोशिकाओं को खोजता है। जिया ने जेनेटिक कोड साइट CpG, ZAP समेत कई जेनेटिकल मॉलीक्यूल्स का अध्ययन किया है। उसी के आधार पर उन्होंने बताया है कि कुत्तों में जैप कमजोर होता है। वह कोरोना वायरस के सीपीजी साइट से लड़ नहीं सकता। कुत्ते की आंतों में यह वायरस अपना घर बना लेता है।कुत्ते के जरिए फिर यह इंसानों में पहुंच जाता है। जैसा कि आपको पता है कि चीन में कुत्ते जैसे कई तरह के जानवर खाए जाते हैं। लेकिन, जिया की इस थ्योरी से कई वैज्ञानिक सहमत नहीं है। सैन फ्रांसिस्को स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लिउनी पेनिंग्स कहते हैं यह थ्योरी और जेनेटिक डेटा एकदूसरे को सपोर्ट नहीं करते। मैं इसे नहीं मानता।है।New study suggests COVID-19 hopped from dogs to humans. Here's why you should be skeptical. https://t.co/f02y5PYzdV pic.twitter.com/BiN92uqGdD
— Live Science (@LiveScience) April 14, 2020