COVID-19 Update / हरियाणा में भैंस के बच्चे में मिला कोरोना का नया वैरियंट ‘बुवाइन’

Zoom News : Jul 10, 2021, 03:51 PM
हिसार। कोरोना वायरस और ब्लैक फंगस से अभी देश की जनता जंग लड़ ही रही है कि एक और खतरनाक बीमारी ने दस्तक दे दी है। इस बीमारी का नाम बुवाइन कोरोना वायरस है, जिसका एक वैरियेंट हिसार में 1 महीने के कटड़ा यानी (भैंस का छोटा बच्चा) में पाया गया है। लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के एनिमल बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने इस बुवाइन कोरोना वायरस को खोजा है।

पूरे हरियाणा से कटड़ों के 250 से ज्यादा नमूने लिए गए थे, जिनमें से कई पॉजिटिव मिले हैं। उन्हीं पॉजिटिव सैंपलों में से रिसर्च करने के लिए 5 की सीक्वेंसिंग की गई तो ये चौंकाने वाला परिणाम सामने आया है। वैज्ञानिकों ने ये रिसर्च यह जानने के लिए की कि बुवाइन करोना वायरस अलग-अलग जानवरों को होने की प्रवृत्ति रखता है या नहीं।

क्या बोले वैज्ञानिक

विश्वविद्यालय की वैज्ञानिक डॉ। मीनाक्षी ने बताया कि आने वाले 10 वर्षों में इंसानों में जो बीमारियां आएंगी, वो पशुओं से ही आने की आशंका है। जैसे कोरोना वायरस का खतरा अभी तक टला नहीं है, उसी तरह जानवरों में कई वायरस मौजूद हैं और ये म्यूटेशन के बाद नया रूप ले सकते हैं। लेकिन हमें ये भी जानना जरूरी है कि ये वायरस अब किस प्रजाति में जा रहा है, क्या ये अन्य पशुओं में फैल रहा है? उन्होंने कहा कि बुवाइन कोरोना वायरस पशुओं के मलमूत्र, दूध या मांस के जरिए इंसानों में पहुंच सकता है। विभाग की रिसर्च के अनुसार ये वायरस सबसे पहले ऊंट से कटड़े में आया था। वायरस की ये प्रकृति म्यूटेंट होती रहती है, यानी बड़े जानवरों और इंसानों में भी जा सकती है।


इंसानों में संक्रमण का डर

खास बात ये है कि ये अगर म्युटेंट होकर पशुओं से इंसान में पहुंच गया, तो काफी नुकसान पहुंचा सकता है। डॉ। मीनाक्षी के अनुसार SARS Covid-2 वायरस से भी इंसानों को शुरू में दस्त की शिकायत हुई थी। इसी आधार पर वैज्ञानिक इस वायरस का इलाज भी नैनो फार्मूलेशन से खोज रहे हैं और हमें इसके सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं।


बुवाइन कोरोना वायरस के लक्षण

वैज्ञानिकों के मुताबिक बुवाइन से संक्रमित कटड़े को दस्त होते हैं और डायरिया भी हो सकता है। ज्यादा संक्रमण होने की वजह से कटड़ा मर भी सकता है। इतना ही नहीं ये छोटे कटड़े से बड़े जानवरों में भी फैल सकता है। जानवरों के मल, मांस और दूध इत्यादि से इंसानों में भी फैल सकता है। डॉ। मीनाक्षी के अनुसार वायरस से होने वाली बीमारियों के इलाज के लिए वैक्सीन आवश्यक है। भविष्य में इस वायरस को लेकर भी वैक्सीन बनाए जाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि किसानों और पशुपालकों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि यदि उन्हें लगता है कि कोई पशु बीमार है या उसे इस प्रकार के लक्षण है तो उसे अन्य पशुओं से अलग रख जाना चाहिए।


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