COVID-19 New Variant / भारत में मिला कोरोना वायरस का नया वेरिएंट, गंभीर रूप से कर सकता है बीमार- रिपोर्ट

भारत में कोरोना वायरस के एक नए वेरिएंट (New Variant of Coronavirus) का पता चला है। पुणे स्थित एनआईवी संस्थान (National Institute of Virology) ने वायरस की जिनोम सिक्वेंसिंग कर इस नए वेरिएंट B.1.1.28.2 को डिटेक्ट किया है। वायरस का यह नया वेरिएंट भारत में पाए गए डेल्टा वेरिएंट की ही तरह गंभीर है। ये वेरिएंट यूनाइटेड किंगडम और ब्राजील से भारत आए लोगों में मिला है, जो संक्रमित लोगों में गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है।

Vikrant Shekhawat : Jun 08, 2021, 09:40 AM
पुणे। भारत में कोरोना वायरस के एक नए वेरिएंट (New Variant of Coronavirus) का पता चला है। पुणे स्थित एनआईवी संस्थान (National Institute of Virology) ने वायरस की जिनोम सिक्वेंसिंग कर इस नए वेरिएंट B.1.1.28.2 को डिटेक्ट किया है। वायरस का यह नया वेरिएंट भारत में पाए गए डेल्टा वेरिएंट की ही तरह गंभीर है। ये वेरिएंट यूनाइटेड किंगडम और ब्राजील से भारत आए लोगों में मिला है, जो संक्रमित लोगों में गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है।

NIV के पैथोजेनिसिटी की जांच करके बताया है कि यह वेरिएंट गंभीर रूप से बीमार करता है। स्‍टडी में वेरिएंट के खिलाफ वैक्‍सीन असरदार है या नहीं, इसके लिए स्‍क्रीनिंग की जरूरत बताई गई है। NIV की यह स्‍टडी ऑनलाइन bioRxiv में प्रकाशित हुई है। वहीं, NIV पुणे की ही एक और स्‍टडी कहती है कि Covaxin इस वेरिएंट के खिलाफ कारगर है। स्‍टडी के अनुसार, वैक्‍सीन की दो डोज से जो एंटीबॉडीज बनती हैं, उससे इस वेरिएंट को न्‍यूट्रिलाइज किया जा सकता है।

सरकार को पूरा भरोसा, दिसंबर तक मिल जाएंगे 187 करोड़ कोरोना वैक्सीन डोज: रिपोर्ट

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ये वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट की ही तरह खतरनाक है। B.1.1.28.2 वेरिएंट से संक्रमित होने पर व्यक्ति का वजन कम होने लगता है। इसके संक्रमण के तेजी से फैलने पर मरीज के फेफड़े डैमेज हो जाते हैं। स्‍टडी के अनुसार, B.1.1.28.2 वेरिएंट ने संक्रमित सीरियाई चूहों पर कई प्रतिकूल प्रभाव दिखाए हैं। इनमें वजन कम होना, श्‍वसन तंत्र में वायरस की कॉपी बनाना, फेफड़ों में घाव होना और उनमें भारी नुकसान देखा गया। स्‍टडी में SARS-CoV-2 के जीनोम सर्विलांस की जरूरत पर जोर दिया गया है, ताकि इम्‍युन सिस्‍टम से बच निकलने वाले वेरिएंट्स को लेकर जीनोम सीक्‍वेंसिंग लैब्स में तैयारी की जा सके।

जीनोम लैब्‍स ने 30,000 सैम्‍पल्‍स सीक्‍वेंस किए

जीनोम सीक्‍वेंसिंग लैब्‍स ऐसे म्‍यूटंट्स का पता लगा रही हैं जो बीमारी के संक्रमण में ज्‍यादा योगदान दे रहे हैं। अभी INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Genome Sequencing Consortia) के तहत 10 राष्‍ट्रीय लैब्‍स ने करीब 30,000 सैम्‍पल्‍स सीक्‍वेंस किए हैं। सरकार जीनोम सीक्‍वेंसिंग को बढ़ावा देना चाहती है और कंसोर्टियम में 18 और लैब्‍स हाल ही में जोड़ी गई हैं।

अब तक कई वेरिएंट सामने आ चुके हैं

कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से कोरोना वायरस के नए-नए रूप (वेरिएंट) सामने आ चुके हैं। भारत में मिला वायरस का नया प्रकार B.1.1.28.2 दुनिया के अन्य देशों में फैल चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस वेरिएंट को डेल्टा नाम दिया है। इन दिनों यह वायरस ब्रिटेन में बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित कर रहा है। वहीं, पिछले साल कोरोना वायरस के अल्फा वेरिएंट ने ब्रिटेन में लोगों को बड़ी संख्या में संक्रमित किया था। अब तक विश्वभर में सार्स-कोविड-2 के कई वेरिएंट मिल चुके हैं।