क्राइम / निर्भया मामला: दोषी अक्षय की की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई पूरी, दोपहर 1 बजे आएगा फैसला

News18 : Dec 18, 2019, 12:06 PM
नई दिल्ली। निर्भया मामले (Nirbhaya Case) के गुनहगार अक्षय कुमार सिंह (Akshay Kumar Singh) की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई पूरी हो गई है। इस मामले में कोर्ट अपना फैसला दोपहर एक बजे सुनाएगा। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार बुधवार सुबह अक्षय के वकील डॉक्टर ए।पी सिंह ने सुनवाई शुरू होने पर कोर्ट से कहा कि उनके पास इस मामले में नए तथ्य हैं। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल (अक्षय कुमार सिंह) को मीडिया, पब्लिक और राजनीतिक दबाव में दोषी करार दिया गया है। बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि फर्जी रिपोर्ट तैयार किए गए, अक्षय कुमार सिंह का नाम इसमें गलत तरीके से शामिल किया गया। उसे गलत फंसाया गया है।

उन्होंने बहस में कहा कि अक्षय गरीब और बेकसूर है इसलिए उसे दोषी ठहरा दिया गया। उन्होंने कहा कि मृत्युदंड सजा देने की प्राचीण परंपरा है। फांसी से जुर्म खत्म होता है, अपराधी नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि फांसी की सजा सुनाने से लगता नहीं कि अपराधी गुनाह करना छोड़ेंगे। बता दें कि मंगलवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एसए बोबडे (CJI S A Bobde) ने दोषी अक्षय के पुनर्विचार याचिका (Review Petition) पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था, जिसके बाद अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की नई बेंच कर रही है। सुनवाई से मुख्य न्यायाधीश के अलग होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार शाम जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ गठित की।

दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज होगी'

इससे पहले बुधवार को 'निर्भया' के पिता ने कहा कि इस बारे में देश जो सोचता है वैसी ही सोच मैं भी रखता हूं। सुप्रीम कोर्ट में दोषी की पुनर्विचार याचिका पक्के तौर पर खारिज होगी। उन्होंने कहा कि सरकार जिस दिन से ठान लेगी, इस देश में रेप की एक भी घटना नहीं होगी। बुधवार को ही सुप्रीम कोर्ट में वकील संजीव कुमार की मामले में दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देने की याचिका पर भी सुनवाई होगी।

दोषी अक्षय की दया याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

पिछले हफ्ते दोषी अक्षय ने दया याचिका (मर्सी अपील) करते हुए दलील दी थी कि वैसे भी दिल्ली में बढ़ते वायु और जल प्रदूषण की वजह से जीवन छोटा होता जा रहा है। बता दें कि शीर्ष अदालत ने पिछले साल नौ जुलाई को इस मामले के तीन दोषियों मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की पुनर्विचार याचिकायें यह कहते हुये खारिज कर दी थीं कि इनमें 2017 के फैसले पर पुनर्विचार का कोई आधार नहीं है।

छह लोगों ने छात्रा का अपहरण कर बस में किया था गैंगरेप

बता दें कि 16-17 दिसंबर, 2012 की रात दक्षिण दिल्ली के मुनिरका में बस स्टॉप से पारामेडिकल की छात्रा 'निर्भया' का अपहरण कर छह लोगों ने उसके साथ बस में बर्बरतापूर्ण तरीके से गैंगरेप किया था। वारदात को अंजाम देने के बाद उसे बुरी तरह जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया गया था। घटना के तेरह दिन बाद 29 दिसंबर को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में इलाज के दौरान 'निर्भया' की मौत हो गई थी। इस मामले में निचली अदालत ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है, जिसे बाद में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा है। इस मामले के छह दोषियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी। जबकि एक अन्य जो नाबालिग था, उसे जुविनाइल जस्टिस बोर्ड ने दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनायी थी। इस दोषी किशोर को सुधार गृह में तीन साल गुजारने के बाद रिहा कर दिया गया था।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER