देश / PF को लेकर सरकार का बड़ा ऐलान, नौकरी गंवाने वालों को मिलेगी ये राहत

Zoom News : Jun 28, 2021, 10:09 PM
नई दिल्ली: केंद्र ने सोमवार को कोविड संकट से जूझ रहे देश को राहत प्रदान करते हुए राज्य सरकारों के साथ-साथ माइक्रो फाइनेंस क्रेडिट यूजर्स के लिए आठ आर्थिक राहत उपायों की घोषणा की. इस दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार स्कीम को बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक किए जाने की घोषणा की. इस स्कीम के तहत अब तक करीब 21.42 लाख लाभार्थियों के लिए 902 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. नई घोषणा के तहत सरकार प्राइवेट कंपनियों में नई नियुक्तियों के मामलों में PF अकाउंट में कर्मचारियों के हिस्से की राशि भी वहन करेगी.

1000 कर्मचारियों की स्ट्रेंथ वाली कंपनी है तो पूरा PF सरकार भरेगी

इस योजना के तहत सरकार 1000 कर्मचारियों की स्ट्रेंथ वाली कंपनियों में PF का नियोक्ता और एम्प्लॉई दोनों का हिस्सा सरकार भरेगी. 1000 से अधिक कर्मचारी वाली कंपनियों में एम्प्लॉई का हिस्सा 12% सरकार वहन करेगी. यह स्कीम 1 अक्टूबर 2020 को लागू किया गई थी जो 30 जून 2021 तक के लिए थी, अब इसकी अवधि बढ़ा दी गई है. 

कोरोना महामारी के दौरान नौकरी गंवाने वालों को भी राहत

इस योजना के तहत 15,000 रुपये से कम महीने की सैलरी पर EPFO-रजिस्टर्ड प्रतिष्ठान में नौकरी पाने वाला कोई भी नया कर्मचारी होगा, उसे लाभ मिलेगा. 15,000 रुपये से कम सैलरी पाने वाले EPF होल्डर की 01.03.2020 से 30.09.2020 तक कोविड महामारी के दौरान नौकरी चली गई और 01.10.2020 से या उसके बाद नौकरी मिली है तो उसे भी लाभ मिलेगा. केंद्र सरकार निम्नलिखित पैमाने पर 01.10.2020 या उसके बाद लगे नए पात्र कर्मचारियों के संबंध में दो साल के लिए सब्सिडी देगी.  

ये भी हैं अहम ऐलान

इसके अलावा ईसीजीएलएस जैसे मौजूदा राहत उपायों में वृद्धि की गई है. Micro Finance Loan users के साथ-साथ पर्यटन उद्योग को लोन प्रदान करने के लिए कुल चार नए उपायों की घोषणा की गई है. वित्त मंत्री ने चिकित्सा बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपये के गारंटीकृत लोन की घोषणा की. उन्होंने कहा कि ईसीएलजीएस योजना को 1.5 लाख करोड़ रुपये बढ़ाया जाएगा. इसके अलावा, सीतारमण ने कोविड प्रभावित क्षेत्रों के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये की लोन गारंटी की घोषणा की. उम्मीद की जा रही है कि इन राहत पैकेजों से कोरोना की मार से बेहाल अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा. 

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