बिजनेस / निर्मला सीतारमण बोलीं- हैरान हूं, गणेश की मूर्ति भी चीन से आयात, क्या यह जरूरी है?

AajTak : Jun 26, 2020, 09:54 AM
बिजनेस डेस्क | गलवान घाटी में चीन की हरकतों से देश में चीनी सामानों का बहिष्कार किया जा रहा है। हर स्तर पर चीन को सबक सिखाने की बात हो रही है। व्यापारिक संगठनों ने तो चीन से आयात को कम करने के लिए अभियान छेड़ दिया है।

गणेश की मूर्ति आयात क्यों?

इस बीच गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विकास को बढ़ावा देने के लिए चीन से कच्चे माल के आयात पर कुछ भी गलत नहीं है। क्योंकि जो चीजें हमारे देश में नहीं हैं, उसे बाहर से मंगाने पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। लेकिन आश्चर्य तब होता है कि जब गणेश भगवान की मूर्ति भी चीन से आयात किया जाता है। क्या मिट्टी की मूर्ति भी चीन से मंगवाना जरूरी है?

निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल रैली के जरिये तमिलनाडु के बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि किसी भी देश से आयात में कुछ गलत नहीं है, ऐसी चीजें की आयात पर किसी तरह की दिक्कत नहीं है, जो उत्पादन को बढ़ावा देगा और जिससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

रोजगार केंद्रित उत्पादन पर फोकस

वित्त मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान भी यही कहता है कि देश में उत्पादन हो, जिससे लोगों को रोजगार मिलेगा। लेकिन उन चीजों के आयात पर सोचने की जरूरत है, जिससे ना तो किसी को रोजगार मिलने वाला है, और ना ही उससे अर्थव्यवस्था को ताकत मिलेगी।

उन्होंने कहा कि हर साल गणेश चतुर्थी त्योहार के दौरान स्थानीय कुम्हारों से मिट्टी से बनी गणेश की मूर्तियां खरीदी जाती हैं। लेकिन अब देखने को मिलता है कि गणेश की मूर्तियां भी चीन से आयात किया जाता है। ऐसा क्यों? उन्होंने पूछा कि क्या हम इस स्थिति में नहीं हैं कि गणेश की मूर्ति नहीं बना सकते हैं?

निर्मला सीतारमण ने कहा- आयात पर विचार की जरूरत

इसके अलावा उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी चीजें हैं, जिसके आयात पर विचार किया जाना चाहिए। जैसे पूजा में इस्तेमाल होने वाले सामान, साबुन बॉक्स, प्लास्टिक की वस्तुएं। ये सभी प्रोडक्ट्स देश में भी बनते हैं तो फिर हम इसे आयात क्यों करते हैं, हमें आत्मनिर्भर भारत की दिशा में छोटे घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना चाहिए।

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