बिहार चुनाव / नीतीश कुमार की पहली वर्चुअल रैली, लालू-राबड़ी के राज पर साधा निशाना

AMAR UJALA : Sep 07, 2020, 01:32 PM
बिहार में कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को आभासी रैली के जरिए चुनावी बिगुल फूंका है। अपनी पहली आभासी रैली में उन्होंने कहा कि कोरोना के कहर को देखते हुए हमने केंद्र से पहले ही लॉकडाउन शुरू किया। अब अनलॉक शुरू हो चुका है। हम केंद्र के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं।

लालू और राबड़ी पर निशाना साधते हुए नीतीश ने कहा कि हमसे पहले जो लोग सत्ता में थे उन्होंने क्या किया। कब्रिस्तान और मंदिरों का ही हाल देख लीजिए। न कब्रिस्तान की घेराबंदी थी और न ही मूर्ति चोरी रोकने के उपाय। हमनें 6,099 कब्रिस्तानों की घेराबंदी करवाई। मंदिर में मूर्ति चोरी रोकने के लिए 226 मंदिरों में चारदीवारी का निर्माण कार्य पूरा किया। हमने भागलपुर दंगों की जांच पूरी करवाई। जब हमें काम करने का मौका मिला तो हमने लक्ष्य रखा कि कहीं से भी राजधानी पटना आने में 6 घंटे से ज्यादा का समय न लगे। ये लक्ष्य पूरा हो गया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पहले बिहार में क्या हो रहा था। 15 साल तक पति-पत्नी का राज चला, सामूहिक नरसंहार होता था। पहले लोग गवाही देने से भागते थे, अब गवाही देने लगे। पहले शाम होने से पहले लोग घर के अंदर चले जाते थे। राइफले औंर बंदूकें दिखाई जाती थी। अब अपराध के ग्राफ में गिरावट आई है। 2005 में हमने सत्ता संभाली और तब से हम अपराध पर जीरो टॉलरेंस का रुख अपनाए हुए हैं। बिहार में ज्यादातर अपराध की वजह भूमि विवाद है। इसके अलावा आपस में लोग परिवार का बंटवारा नहीं करते थे क्योंकि रजिस्ट्री का चार्ज काफी ज्यादा होता था। लेकिन अब परिवार में बंटवारे के लिए 100 रुपये का सांकेतिक रजिस्ट्री चार्ज लगता है।

मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम रोजगार सृजन भी कर रहे हैं। बोलने वाले पता नहीं कुछ भी बोल रहे हैं, उन्हें पता भी नहीं कि क्या काम चल रहा है। राज्य सरकार की तरफ से 5,50,246 योजनाओं में 14 लाख से ज्यादा रोजगार का सृजन किया गया है। औसतन प्रतिदिन लगभग दस लाख लोगों को काम मिल रहा है। हम आपदा पीड़ितों की पूरी मदद करते हैं। बिहार में हर साल बाढ़ आती है। हम प्रकार से लोगों के लिए काम करते हैं। अगर सड़कें टूटती हैं तो उसे भी हम बनाते हैं। हम लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि जो भी जरूरी काम है, जब तक आपने काम करने का मौका दिया है, तब तक हम काम करते रहेंगे।'

रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दरभंगा में हमने जब एक क्विंटल अनाज बांटा तो हमें क्विंटलिया बाबा कहने लगे। पहले कभी कुछ मिलता था। हम तीन हजार रुपये अनाज के लिए देते हैं। अब हम लोगों के खाते में अनुग्रह राशि पहुंचा देते हैं। हम फसल की क्षति का आकलन करवाकर उसका लाभ देते हैं। हम फसल सहायता योजना के तहत मदद करते हैं। बाढ़ से जो पीड़ित लोग हैं उसका हम प्रबंधन करते है। हमने पहले ही कह दिया था कि सरकार के खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ित लोगों का है। ये 2007 से चल रहा है।

नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र की योजना से अलग राज्य सरकार अपने खजाने से मिड डे मील की राशि लाभार्थियों के खाते में डाल रही है। आगामी चुनाव को लेकर उन्होंने लोगों से अपील की। नीतीश ने कहा कि चुनाव को लेकर लोगों को कोरोना से और सतर्क रहना होगा। मैंने कई जगहों पर लोगों को बिना मास्क के देखा है। सभी लोगों को मास्क का प्रयोग करना है, सामाजिक दूरी का पालन करें। घर के बुजुर्ग, गंभीर बीमारी से पीड़ित, गर्भवती महिलाएं और बच्चे बेवजह और जब तक बहुत जरूरी न हो तब तक घर से बाहर न निकलें।

नीतीश ने कहा, 'कोरोना का जो दौर चला उस पर मार्च से हम लोगों ने ध्यान देना शुरू कर दिया था। सब लोगों को सचेत रहना चाहिए। लॉकडाउन में हमने लोगों को प्रेरित किया। लॉकडाउन खत्म होने के बाद अनलॉक-1 शुरू हुआ। एक-दो चीज पर हम लोगों ने ध्यान दिया है। राज्य में पर्याप्त संख्या में आईसीयू बेड हैं, अस्पताल हर स्थिति के लिए तैयार हैं। मेडिकल किट, डॉक्टर से परामर्श सुविधा, काल सेंटर के माध्यम से भी लोगों को परामर्श दिया जाता है।'

मुख्यमंत्री ने कोरोना को लेकर सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि इलाज से लेकर मौत होने की परिस्थिति में 4 लाख रुपये का मुआवजा देना तय किया गया है। राज्य भर के प्रवासी बिहारियों को 14 दिन क्वारंटीन सेंटर में रखा गया। 15 लाख से ज्यादा लोग वापस बिहार आए और क्वारंटीन सेंटर पर एक व्यक्ति पर 14 दिन में 5,300 रुपये खर्च किए गए। हमने लोगों की इस तरह से सेवा की। केंद्र और हमने राशन के मामले में भी मदद की। हम प्रचार नहीं सेवा करते हैं।

कोरोना परीक्षण को लेकर नीतीश ने इशारों-इशारों में तेजस्वी यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बोलने वाले तो कुछ भी बोलते रहते हैं, उन्हें तथ्यों की जानकारी तो होती नहीं है। आज बिहार में प्रतिदिन डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की जांच हो रही है। दस लाख की जनसंख्या पर 32,233 लोगों की जांच की गई। आरटी-पीसीआर जांच की क्षमता 11,350 है लेकिन हम इसे बढ़ाकर 20 हजार करना चाहते हैं। भारत सरकार से हमें 10 हजार आरटी-पीसीआर जांच मशीन मिलने वाली है। केंद्र हमें 8,800 अमेरिकी मशीन कोबास देने वाला है।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER