News18 : Apr 02, 2020, 10:44 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित निजामुद्दीन दरगाह (Nizamuddin Dargah) में मरकज़ के दौरान मौलाना साद ने लॉकडाउन (LockDown In India) में भी भीड़ जुटाने की आह्वान किया था। मौलाना का एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उसने कहा था, 'नमाज को जारी रखकर मरकज़ में शामिल हो। यह वक्त अल्लाह से माफी मांगने का है।' मौलाना ने अपील की है कि वे मस्जिद आते रहे। हालांकि, इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता।
आपको बता दें ऑडियो वायरल होने के बाद मौलाना साद अंडरग्राउंड हो गया। हिन्दी दैनिक 'अमर उजाला' की एक रिपोर्ट के अनुसार मौलाना साद के वायरल ऑडियो की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। वहीं, पुलिस का भी एक वीडियो वायरल हो रहा है। यह वीडियो 23 मार्च का बताया जा रहा है। इसमें पुलिस को निजामुद्दीन में धार्मिक आयोजन पर डांटते हुए सुना जा सकता है।
देश भर में वायरस फैलाने की साजिश?
एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तबलीगी जमात में मौजूद देश-विदेश के मौलाना 'देश विरोधी गतिविधियों' को हवा दे रहे थे। हिन्दी अखबार 'दैनिक जागरण' की एक रिपोर्ट के अनुसार यहां मौजूद लोग वायरस को हथियार बनाकर देश भर में तबाही करने की सोच रहे थे। इसी वजह से लोगों को मरकज़ में छिपाया गया और जब पुलिस ने उन्हें बाहर निकालने की कोशिश की तो वे हमलावर हो गए। रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने दावा किया कि जांच एजेंसियों को शख है कि कोरोना को फैलाकर देश को आर्थिक रूप से कमजोर करने की साजिश रची जा रही थी।रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 28 मार्च को ही इस बात की जानकारी सामने आने लगी थी कि यहां कोरोना संक्रमण फैल रहा है लेकिन इन्होंने ना तो स्वास्थ्य विभाग से कोई मदद मांगी और ना ही प्रशासन की मदद करने को राजी थे।
आयोजन में शिरकत करने वाले 6,000 से ज्यादा लोगों की पहचान
बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए समूचे देश में अभियान तेज करते हुए विभिन्न राज्यों में प्रशासन ने कोविड-19 के सबसे बड़े हॉटस्पॉट बनकर उभरे दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में तबलीगी जमात के आयोजन में शिरकत करने वाले 6,000 से ज्यादा लोगों की पहचान की। देश भर में बुधवार को सर्वाधिक 450 नए मामलों के साथ संक्रमित लोगों की संख्या 1900 के पार हो गयी है और अब तक 59 लोगों की मौत हो चुकी है।जमात में हिस्सा लेने वाले 5,000 से ज्यादा लोगों को पृथक तौर पर रखा गया है। इनमें से कुछ लोगों को राज्यों के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती किया गया है। इसके साथ ही गुजरात, तमिलनाडु और तेलंगाना सहित अन्य जगहों पर 2,000 अन्य लोगों का पता लगाया जा रहा है। इस सूची में विदेशी भी शामिल हैं, जबकि राज्य के अधिकारियों ने ऐसे कुछ लोगों की पहचान की है जो दिल्ली से अपने अपने गृह नगर नहीं लौटे हैं। प्रशासन का कहना है कि मामलों में इतनी बढ़ोतरी तबलीगी जमात के कारण हुई है ।
आपको बता दें ऑडियो वायरल होने के बाद मौलाना साद अंडरग्राउंड हो गया। हिन्दी दैनिक 'अमर उजाला' की एक रिपोर्ट के अनुसार मौलाना साद के वायरल ऑडियो की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। वहीं, पुलिस का भी एक वीडियो वायरल हो रहा है। यह वीडियो 23 मार्च का बताया जा रहा है। इसमें पुलिस को निजामुद्दीन में धार्मिक आयोजन पर डांटते हुए सुना जा सकता है।
देश भर में वायरस फैलाने की साजिश?
एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तबलीगी जमात में मौजूद देश-विदेश के मौलाना 'देश विरोधी गतिविधियों' को हवा दे रहे थे। हिन्दी अखबार 'दैनिक जागरण' की एक रिपोर्ट के अनुसार यहां मौजूद लोग वायरस को हथियार बनाकर देश भर में तबाही करने की सोच रहे थे। इसी वजह से लोगों को मरकज़ में छिपाया गया और जब पुलिस ने उन्हें बाहर निकालने की कोशिश की तो वे हमलावर हो गए। रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने दावा किया कि जांच एजेंसियों को शख है कि कोरोना को फैलाकर देश को आर्थिक रूप से कमजोर करने की साजिश रची जा रही थी।रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 28 मार्च को ही इस बात की जानकारी सामने आने लगी थी कि यहां कोरोना संक्रमण फैल रहा है लेकिन इन्होंने ना तो स्वास्थ्य विभाग से कोई मदद मांगी और ना ही प्रशासन की मदद करने को राजी थे।
आयोजन में शिरकत करने वाले 6,000 से ज्यादा लोगों की पहचान
बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए समूचे देश में अभियान तेज करते हुए विभिन्न राज्यों में प्रशासन ने कोविड-19 के सबसे बड़े हॉटस्पॉट बनकर उभरे दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में तबलीगी जमात के आयोजन में शिरकत करने वाले 6,000 से ज्यादा लोगों की पहचान की। देश भर में बुधवार को सर्वाधिक 450 नए मामलों के साथ संक्रमित लोगों की संख्या 1900 के पार हो गयी है और अब तक 59 लोगों की मौत हो चुकी है।जमात में हिस्सा लेने वाले 5,000 से ज्यादा लोगों को पृथक तौर पर रखा गया है। इनमें से कुछ लोगों को राज्यों के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती किया गया है। इसके साथ ही गुजरात, तमिलनाडु और तेलंगाना सहित अन्य जगहों पर 2,000 अन्य लोगों का पता लगाया जा रहा है। इस सूची में विदेशी भी शामिल हैं, जबकि राज्य के अधिकारियों ने ऐसे कुछ लोगों की पहचान की है जो दिल्ली से अपने अपने गृह नगर नहीं लौटे हैं। प्रशासन का कहना है कि मामलों में इतनी बढ़ोतरी तबलीगी जमात के कारण हुई है ।