गांधीनगर / गुजरात में पाद निकालने वाली प्रतियोगिता में नहीं मिल सका एक भी विजेता

Jansatta : Sep 24, 2019, 11:10 AM
सूरत. रविवार (22 सितंबर) को सूरत में एक ऐसे कॉम्पिटिशन का आयोजन किया गया, जो अपनेआप में अनोखा था। दरअसल, इस प्रतियोगिता में पादने को लेकर मुकाबला होना था, लेकिन कंटेस्टेंट पर दबाव इतना ज्यादा हो गया कि कोई भी पाद ही नहीं सका। इस दौरान जजों के लिए खास हरे रंग के मास्क मंगाए गए थे, जिनका इस्तेमाल नहीं हो पाया। साथ ही, ग्रे कलर के बादलों जैसी ट्रॉफी ऐसे ही रखी रहीं। इनके अलावा पाद की आवाज को जोर से सुनाने के लिए मौजूद माइक भी बेकार साबित हुए। इस दौरान आयोजकों ने ‘दिल से पादिए’ का नारा देकर कंटेस्टेंट में जोश भरने की कोशिश की, लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ।

200 लोगों ने कराया था रजिस्ट्रेशन: गौरतलब है कि सूरत में हुए इस कॉम्पिटिशन के लिए मुंबई, जयपुर जैसे शहरों के अलावा दुबई आदि देशों के करीब 200 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया। हालांकि, मौके पर सिर्फ 3 ही कंटेस्टेंट पहुंचे। इनमें से एक सूरत का ही रहने वाला था।

3 घंटे कोशिश की, लेकिन रहे नाकाम: बताया जा रहा है कि तीनों प्रतिभागियों ने करीब 3 घंटे तक पादने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। इसके चलते किसी को भी 2500 रुपए का कैश प्राइज व एक गिफ्ट हैंपर नहीं मिल सका।

परफॉर्मेंस के दबाव में आ गए कंटेस्टेंट: What The Fart कॉम्पिटिशन आयोजित करने वाले यतिन संगोई ने माना कि परफॉर्मेंस के दबाव में कंटेस्टेंट अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके। उन्होंने बताया कि गैस की स्पीड मापने के लिए खास इंस्ट्रूमेंट्स लगवाए गए थे।

इस वजह से हुआ कॉम्पिटिशन: संगोई ने बताया, ‘‘मैं अपने परिवार के साथ सैक्रेड गेम्स का सेकंड सीजन देख रहा था। उस दौरान मैंने पाद मारा तो सभी ने अपनी नाक बंद कर ली। उन्होंने मजाक में कहा कि अगर पाद मारने की प्रतियोगिता हो तो तुम जरूर जीतोगे। इसके बाद मैंने सोचा कि क्यों न ऐसी प्रतियोगिता आयोजित की जाए, जिससे पादने के कारण कोई शर्मिंदा न हो।’’

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