AajTak : Mar 24, 2020, 01:46 PM
Coronavirus | कोरोना वायरस के पूरी दुनिया में साढ़े तीन लाख से भी ज्यादा लोग शिकार हो चुके हैं। इस जानलेवा वायरस से बचने के लिए सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही है। कोई वायरस से बचने के लिए घरेलू नुस्खे बता रहा है तो कोई इसके लक्षणों को जांचने के अजीबोगरीब तरीके साझा कर रहा है।सोशल मीडिया पर कई यूजर्स दावा कर रहे हैं कि कोरोना वायरस की जांच इंसान घर बैठे मुफ्त में कर सकता है। इसके लिए किसी तरह के टेस्ट की आवश्यक्ता नहीं है। यूजर्स का दावा है कि यदि कोई इंसान अपनी सांस को पूरे 10 सेकंड तक रोक सकता है तो समझ लीजिए, उसका शरीर कोरोना वायरस की चपेट में नहीं है।13 मार्च को फेसबुक पर डाले गए एक पोस्ट में इसके बारे में विस्तार से बताया गया था। इसमें कहा गया था कि यदि 10 सेकंड सांस रोकने पर किसी व्यक्ति को खांसी, गले में जकड़न या अन्य कोई समस्या नहीं होती तो वह इंसान बिल्कुल ठीक है।सोशल मीडिया पर फैली इस जानकारी की असल सच्चाई यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के चीफ क्वालिटी ऑफिसर डॉक्टर फहीम यूनुस ने बताई है। डॉ। फहीम ने सोशल मीडिया पर किए जा रहे ऐसे दावों को महज अफवाह बताया है। डॉ। फहीम ने कहा, 'पूरी दुनिया में ऐसे कई कोरोना वायरस पीड़ित हैं जो 10 सेकेंड से ज्यादा अपनी सांस रोक पाने में सक्षम हैं। जबकि दूसरी ओर, कई बुजुर्ग कोरोना वायरस पीड़ित न होने पर भी इतनी देर अपनी सांस को नहीं रोक सकते।'न्यूयॉर्क के पुलमोनोलॉजिस्ट एंड इनफेक्शियस डिसीज स्पेशलिस्ट डॉ। थॉमस नैश ने भी इसे अफवाह बताया है। सोशल मीडिया पर फैलाई गई इस अफवाह के पीछे स्टैनफोर्ड हॉस्पिटल का हवाला दिया गया है। जबकि 13 मार्च को स्टैनफोर्ड हॉस्पिटल की तरफ से किए गए ट्वीट में यह स्पष्ट कहा गया है कि ऐसी कोई भी जानकारी अस्पताल द्वारा नहीं दी गई है।बता दें कि कोरोना का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अबतक भारत में 511 लोग कोरोना के पॉजिटिव पाए गए हैं। इसमें से 10 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र और केरल हैं।महाराष्ट्र में अब तक 101 और केरल में 95 केस सामने आए हैं। कोरोना की वजह से 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। 135 करोड़ लोगों का देश को लॉकडाउन किया जा रहा है। 548 जिलों को लॉकडाउन किया गया है।