लॉकडाउन 3.0 / दिल्ली नहीं, देश के इस राज्य में बिक रही है सबसे महंगी शराब

News18 : May 05, 2020, 02:59 PM
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए पिछले 41 दिनों से लॉकडाउन (Lockdown) चल रहा है। लॉकडाउन के तीसरे चरण में कुछ छूट के साथ अर्थव्यवस्था (Economy) को पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है। सरकार ने इसी छूट के तहत शराब की दुकानों (Liquor Shop) को भी कुछ शर्तों के साथ खोलने की इजाजत दे दी है। केंद्र सरकार की ओर से मिली इस छूट के बाद अब राज्यों ने शराब के नए दाम वसूलने शुरू कर दिए हैं। दिल्ली (Delhi) की तरह ही अब आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) सरकार ने भी शराब के दाम में बढ़ोतरी कर दी है। आंध्र प्रदेश सरकार में बीते दो दिनों में शराब के दाम कुल 75 फीसदी तक बढ़ा दिए गए हैं। आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से जारी किए गए शराब के नए रेट के बाद देश में सबसे महंगी शराब इसी राज्य में बिक रही है।

बता दें कि आंध्र प्रदेश सरकार ने रविवार को शराब के दामों में 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी की थी। जिसके बाद मंगलवार को इसमें 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर दी गई। इस तरह अब पूरे प्रदेश में शराब एमआरपी से 75 प्रतिशत अधिक दाम पर बिक रही है। बता दें कि आंध्र प्रदेश ने शराब बिक्री के पहले दिन 68 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया था।

गौरतलब है कि दिल्‍ली सरकार ने सोमवार से शराब की दुकानों को भी शर्तों के साथ खोलने की अनुमति दे दी थी। साथ ही केजरीवाल सरकार ने शराब के शौकीनों को तगड़ा झटका देते हुए मंगलवार से इस पर 70 फीसद एक्सट्रा कोरोना टैक्‍स लगाने की घोषणा कर दी है। दिल्‍ली सरकार ने मंगलवार से शराब की बिक्री पर 70 फीसदी कोरोना महामारी टैक्‍स लगाने का फैसला किया है, जिसे 'स्पेशल कोरोना फ़ीस' नाम दिया गया है। नया कर एमआरपी पर लागू होगा। इसे तत्‍काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। इस तरह 1000 रुपये में मिलने वाली शराब की बोतल अब 1700 रुपये में मिलेगी।

आंध्र प्रदेश को 68 करोड़ रुपये का राजस्व मिला

केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के तीसरे चरण में शराब की दुकानें खोलने का फरमान क्या दिया राज्यों की झोली ही भर ​गई। पिछले 40 दिनों से जहां राज्यों को एक रुपये की इनकम नहीं हुई थी वहीं पहले ही दिन कई राज्यों को 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की आमदनी हो गई। आंध्र प्रदेश सरकार को भी शराब बेचने से पहले दिन 68 करोड़ रुपये का राजस्व मिला। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार को 225 करोड़ रुपये का राजस्व मिला।

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